राजस्थान में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में शुक्रवार को 12 सीट पर मतदान होगा और अधिकारियों के अनुसार इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इन सीटों के लिए 2.54 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे। निर्वाचन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आखिरी प्रशिक्षण के बाद जिला मुख्यालयों से मतदान दल गुरुवार को अपने अपने मतदान केंद्रों की ओर रवाना हो गए। उन्होंने बताया कि शांतिपूर्ण मतदान के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता के अनुसार लोकसभा आम चुनाव-2024 के लिए प्रकाशित मतदाता सूचियों के अनुसार, पहले चरण की 12 लोकसभा सीटों में सामान्य मतदाताओं की कुल संख्या 2,53,15,541 हैं, जिनमें 1,32,89,538 पुरुष, 1,20,25,699 महिला एवं 304 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। इनके साथ ही इन क्षेत्रों से 1,14,069 सर्विस वोटर भी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। उन्होंने बताया कि इस चुनाव में 18-19 वर्ष उम्र के लगभग 7.99 लाख नव मतदाता पहली बार लोकसभा के लिए मतदान करने के पात्र होंगे। इन क्षेत्रों में कुल 2,51,250 दिव्यांग मतदाता हैं।
पहले चरण में इन दिग्गजों की किस्मत EVM में होगी कैद-
- पहले चरण के मतदान से जिन प्रमुख नेताओं के चुनावी भाग्य ईवीएम में बंद हो जाएंगे उनमें केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल व भूपेंद्र यादव शामिल हैं। मेघवाल लगातार चौथी बार बीकानेर से चुनावी समर में हैं तो यादव अलवर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और यह उनका पहला चुनाव है। राज्य की जिन 12 लोकसभा सीट पर पहले चरण में मतदान होना है उनमें से सीकर, चुरू एवं नागौर की सीट भी है जहां मुकाबला कड़ा माना जा रहा है।
- कांग्रेस ने सीकर सीट गठबंधन सहयोगी माकपा के लिए छोड़ी है। इस सीट पर भाजपा के मौजूदा सांसद सुमेधानंद सरस्वती उम्मीदवार हैं तो माकपा की ओर से पूर्व विधायक अमराराम मैदान में हैं। सीकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का गृहनगर है। सीकर लोकसभा क्षेत्र की आठ विधानसभा सीट में से पांच कांग्रेस के पास हैं जबकि तीन पर भाजपा के विधायक हैं। अमराराम दांतारामगढ़ और धोद से विधायक रह चुके हैं। फलस्वरूप सीकर भाजपा के लिए कड़ी चुनौती वाली सीट बन गई है।
- इसी तरह चूरू लोकसभा सीट से कांग्रेस ने मौजूदा सांसद राहुल कस्वां को मैदान में उतारा है। भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद राहुल कस्वां को टिकट देने से इनकार कर दिया था। दो बार के सांसद कस्वां पैरालंपिक पदक विजेता भाजपा के देवेंद्र झाझड़िया के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। चूरू पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का गृहनगर है और राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि राठौड़ के कारण ही राहुल कस्वां को टिकट नहीं मिला। राहुल कस्वां उन मौजूदा सांसदों में से हैं जो भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए।
- राज्य की नागौर लोकसभा सीट पर जाट समाज के ही दो नेता आमने-सामने हैं। कांग्रेस के साथ गठबंधन के तहत राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल भाजपा की ज्योति मिर्धा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। बेनीवाल का मुकाबला एक बार फिर ज्योति मिर्धा से होगा। ज्योति मिर्धा ने 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में लड़ा था और बेनीवाल से हार गई थीं। 2024 के लोकसभा चुनाव में बेनीवाल ने विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन को समर्थन देने का फैसला किया है और ज्योति मिर्धा भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। ज्योति मिर्धा 2023 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार और अपने चाचा हरेंद्र मिर्धा से हार गई थीं।
सुबह 7 से शाम 6 बजे तक वोटिंग
राजस्थान में कुल 25 लोकसभा सीट हैं। साल 2014 और 2019 के दो आम चुनाव में ये सभी सीट भाजपा ने जीतीं। शुक्रवार को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा। पहले चरण में गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझूनूं, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर लोकसभा सीट पर मतदान होगा। राजस्थान में लोकसभा चुनाव दो चरणों में 19 और 26 अप्रैल को होंगे। दूसरे चरण में 13 सीट-टोंक, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़ पर 26 अप्रैल को मतदान होगा।
कांग्रेस का चुनाव घोषणा पत्र 'न्याय पत्र' पर केंद्रित, तो बीजेपी का मोदी की गारंटी पर
कांग्रेस ने अपना चुनाव अभियान मुख्य रूप से दो मुख्य मुद्दों- महंगाई एवं बेरोजगारी तथा अपने चुनाव घोषणा पत्र 'न्याय पत्र' पर केंद्रित किया। पार्टी ने इस घोषणा पत्र में 30 लाख रिक्त सरकारी पद भरने, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी का वादा किया है। भाजपा ने तुष्टिकरण, भ्रष्टाचार और पेपर लीक जैसे मुद्दों पर कांग्रेस पर हमला बोला।
भाजपा ने अपने संकल्प पत्र और प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी को लेकर भी प्रचार किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अन्य नेताओं ने कई चुनावी सभाएं कीं, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा के चुनाव अभियान का नेतृत्व किया और कई रैलियां कीं। उन्होंने दौसा में रोड शो भी किया। केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित ने जयपुर और कांग्रेस की प्रियंका गांधी ने अलवर में रोड शो किया। इसी तरह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने भाजपा के पक्ष में कई जगह सभाएं कीं। (भाषा)