राजस्थान राज्य से लोकसभा की 25 सीटें आती हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की। राजस्थान में भाजपा की ही सरकार भी है। ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि क्या लोकसभा चुनाव में भी राजस्थान की सीटों पर भाजपा कमाल कर पाएगी? क्या इस बार यहां कोई चेंज हो रहा है? क्या राहुल गांधी का अलायंस कोई कमाल कर पाएगा? या यहां मोदी का ही जादू चलेगा? इसी पर इंडिया टीवी-CNX का ओपिनियन पोल सामने आया है, जिससे स्थिति स्पष्ट होती दिख रही है। ओपिनियन पोल के मुताबिक बीजेपी राजस्थान की सभी 25 सीटों पर क्लीन स्वीप करती हुई दिख रही है। यहां कांग्रेस का खाता नहीं खुलेगा। ओपिनियन पोल के मुताबिक अलवर से भूपेंद्र यादव, बीकानेर से अर्जुनराम मेघवाल और नागौर से ज्योति मिर्धा की जीत होगी। वहीं, जालोर-सिरोही से वैभव गहलोत की हार होगी।
राजस्थान की 25 सीटों पर किसकी जीत?
गंगानगर - बीजेपी
बीकानेर - बीजेपी
चुरू - बीजेपी
झुंझुनूं - बीजेपी
सीकर - बीजेपी
जयपुर ग्रामीण - बीजेपी
जयपुर - बीजेपी
अलवर - बीजेपी
भरतपुर - बीजेपी
करौली-धौलपुर - बीजेपी
दौसा - बीजेपी
टोंक-सवाई माधोपुर - बीजेपी
अजमेर - बीजेपी
नागौर - बीजेपी
पाली - बीजेपी
जोधपुर - बीजेपी
बाड़मेर - बीजेपी
जालौर - बीजेपी
उदयपुर - बीजेपी
बांसवाड़ा - बीजेपी
चित्तौड़गढ़ - बीजेपी
राजसमंद - बीजेपी
भीलवाड़ा - बीजेपी
कोटा - बीजेपी
झालावाड़-बारां - बीजेपी
राजस्थान की इन हॉट सीटों पर रहेगी नजर-
जयपुर- बीजेपी ने जयपुर शहर सीट के मौजूदा सांसद रामचरण बोहरा का टिकट काटकर मंजू शर्मा को मैदान में उतारा है। मंजू शर्मा बीजेपी के कद्दावर नेता भंवर लाल शर्मा की बेटी हैं। भंवर लाल बीजेपी से रिकॉर्ड 6 बार हवामहल सीट से विधायक रह चुके हैं। वहीं कांग्रेस ने यहां पहले सुनील शर्मा को टिकट दिया था, लेकिन बाद में प्रताप सिंह खाचरिवास पर भरोसा जताया। खाचरिवास इस बार यहां से विधानसभा चुनाव हार गए थे। ओपिनियन पोल के मुताबिक इस सीट पर बीजेपी आगे दिख रही है।
अलवर- राजस्थान में अलवर को टफ फाइट के लिए जाना जाता है। बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को यहां से मैदान में उतारा है। लोकसभा चुनाव 2019 में यहां से बीजेपी के महंत बालकनाथ जीते थे, जिन्हें बीजेपी ने विधानसभा चुनाव लड़ाया और वो तिजारा सीट से विधायक हैं। वहीं कांग्रेस ने यहां ललित यादव पर दांव लगाया है। वह पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह के करीबी हैं।
दौसा- इस सीट को राजेश पायलट का गढ़ माना जाता है। इस सीट पर चार बार राजेश पायलट, एक बार उनकी पत्नी रमा पायलट और एक बार सचिन पायलट सांसद रहे हैं। इस बार बीजेपी ने मौजूदा सांसद जसकौर मीणा का टिकट काटकर कन्हैयालाल मीणा को उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने सचिन पायलट के करीबी माने जाने वाले और राजस्थान सरकार में मंत्री रहे मुरारी लाल मीणा पर दांव खेला है। ओपिनियन पोल के मुताबिक इस सीट पर बीजेपी आगे दिख रही है।
टोंक-सवाईमाधोपुर- इस सीट पर बीजेपी ने सिटिंग एमपी सुखबीर सिंह जौनापुरिया को फिर से मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने हरीश मीना पर दांव खेला है, जो राजस्थान में सबसे ज्यादा दिन तक डीजीपी रहे हैं। इस सीट पर गुर्जर और मुस्लिम बड़ी तादात में हैं। ओपिनियन पोल के मुताबिक इस सीट पर भी बीजेपी आगे दिख रही है।
बीकानेर- तीन बार से बीजेपी के अर्जुन राम मेघवाल इस सीट पर चुनाव जीत रहे हैं। ऐसे में बीजेपी ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर भरोसा जताया है। वहीं कांग्रेस ने गोविंद राम मेघवाल को चुनावी मैदान में उतारा है, जो 2019 में लगभग 2.50 लाख वोटों से हार गए थे। ओपिनियन पोल के मुताबिक इस सीट पर बीजेपी आगे दिख रही है।
जोधपुर- ये सीट अशोक गहलोत का किला मानी जाती है, जिसे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 2 बार भेदने में कामयाबी हासिल की। अब हैट्रिक लगाने के लिए शेखावत फिर से मैदान में हैं। पिछली बार इस सीट से शेखावत ने अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को लगभग 3 लाख वोटों से हराया था। इस बार वैभव गहलोत जालौर से उम्मीदवार हैं। ऐसे में कांग्रेस ने करण सिंह उचियारड़ा को मैदान में उतारा है। ओपिनियन पोल के मुताबिक इस सीट पर बीजेपी आगे दिख रही है।
राजसमंद- पिछली बार दीया कुमारी यहां से सांसद चुनी गईं। फिलहाल वह राजस्थान की डिप्टी सीएम हैं। इस बार बीजेपी ने महिमा विश्वेश्वर सिंह को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने भी यहां से नए उम्मीदवार दामोदर गुर्जर पर दांव लगाया है। ओपिनियन पोल के मुताबिक इस सीट पर भी बीजेपी आगे दिख रही है।
कोटा-बूंदी- राजस्थान की कोटा-बूंदी सीट से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एक बार फिर बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने बीजेपी के बागी नेता प्रहलाद गुंजल को टिकट देकर अपना प्रत्याशी बनाया है। कोटा-बूंदी लोकसभा क्षेत्र के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो आजादी के बाद से अब तक इस सीट पर हुए कुल 17 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 4 बार ही जीत दर्ज कर पाई है। ओपिनियन पोल के मुताबिक इस बार भी यहां पर बीजेपी जीत दर्ज कर सकती है।