बाड़मेर: राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की मतदान प्रक्रिया खत्म होते ही कांग्रेस ने पार्टी के विरुद्ध गतिविधियों पर शामिल होने की शिकायतों के बाद नेताओं पर कार्यवाही शुरू कर दी है। पार्टी ने बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री अमीन खान को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
पूर्व जिलाध्यक्ष की कांग्रेस में वापसी से नाराज चल थे अमीन खान
अमीन खान विधानसभा चुनाव में शिव विधानसभा सीट से कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने के बाद निष्कासित पूर्व जिलाध्यक्ष फतेह खान की वापसी को लेकर नाराज चल रहे थे और फतेह खान की वापसी को लेकर लगातार राजनीतिक मंचों से पार्टी और कांग्रेस के कई नेताओं के विरुद्ध बड़े आरोप लगाकर मोर्चा खोले हुए थे।
कौन हैं अमीन खान
अमीन खान बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी की टिकट पर लगातार 10 विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उन्होंने पांच बार जीत दर्ज की थी। एक बार राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। अमीन खान बाड़मेर जैसलमेर की राजनीति में अल्पसंख्यक समुदाय के बड़े नेता हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष की बगावत के बाद चुनाव हार गए थे और तीसरे नंबर पर रहे थे। अमीन खान का पोता वर्तमान में बाड़मेर जिले की गडरा रोड पंचायत समिति से प्रधान है।
अमीन खान बाड़मेर जिले की सिवाना विधानसभा सीट से कांग्रेस से बगावत कर चुनाव लड़ने वाले सुनील परिहार और शिव विधानसभा सीट से अमीन खान के सामने बगावत कर चुनाव लड़ने वाले पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष फतेह खान कि कांग्रेस में वापसी को लेकर लगातार विरोध कर रहे थे। पार्टी ने उनके विरोध को नजरअंदाज कर कुछ समय पहले फतेह खान निष्कासन रद्द कर पार्टी में शामिल कर लिया। इसके बाद अमीन खान लगातार पार्टी से नाराज चल रहे थे और खुले मंच से कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश चौधरी पर मुस्लिम समाज को तोड़ने और अपने फायदे के लिए कांग्रेस पार्टी का इस्तेमाल करने का आरोप लगा रहे थे।
मंच से कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दिया भाषण
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अमीन खान द्वारा शिव विधानसभा मुख्यालय पर कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करवाया गया था। इस सम्मेलन में फतेह खान नहीं आए। फतेह खान ने शिव विधानसभा क्षेत्र के गागरिया में एक और कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करवाया। अमीन खान ने कहा कि यह फतेह खान जिसने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को हराने का काम किया वह एक बार फिर कांग्रेस में आकर पार्टी के दो फाड़ करने की कोशिश कर रहा है लेकिन कांग्रेस के बड़े नेता इस पर कार्रवाई करने के बजाय इसका साथ दे रहे हैं। फतेह खान कांग्रेस में जाट नेताओं द्वारा पोषित नेता हैं और उन्हीं के इशारे पर मुस्लिम समुदाय को कमजोर करने का काम कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अमीन खान हज की धार्मिक यात्रा पर चले गए और 22 अप्रैल को वापस लौटते ही अपने कार्यकर्ताओं से पार्टी के प्रति नाराजगी जताते हुए पार्टी से दूर रहने का इशारा किया। हालात को भांपते हुए कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल ने अमीन खान के निवास स्थान जाकर मनाने की कोशिश भी की लेकिन अमीन खान ने दो टूक में कह दिया कि कार्यकर्ता अपने वोट दे चुके हैं ऐसे में अब कुछ नहीं होने वाला। इसके बाद हेमाराम चौधरी, हरीश चौधरी कांग्रेस जिला अध्यक्ष गफूर अहमद सहित बड़े नेताओं ने अमीन खान को मनाने की कोशिश की लेकिन अमीन खान नहीं माने और अपने कार्यकर्ताओं को निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी के साथ रहने का इशारा किया। जिसके बाद अमीन खान के करीबी लोग रविंद्र सिंह भाटी की चुनावी सभाओं के दौरान मंच साझा करते हुए दिखाई दिए।
सोशल मीडिया पर ऑडियो हुआ वायरल
अमीन खान द्वारा पार्टी से बगावत की खबरों के बाद सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हुआ इस ऑडियो में अमीन खान से पूछा गया कि अब पार्टी के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं, आप पर पार्टी एक्शन ले सकती है। इस पर अमीन खान ने कहा कि पार्टी का अनुशासन और कार्रवाई मैंने देख रखी है। विधानसभा चुनाव में पार्टी ने निर्दलीय चुनाव लड़कर पार्टी को हराने वाले नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित किया था और वह 6 साल की अवधि 3 महीने में ही पूरी हो गई। ऐसे में यदि पार्टी उन्हें निष्कासित करती है तो वह भी 3 महीने में पार्टी में वापसी कर लेंगे।
(रिपोर्ट-कन्हैयालाल डलोरा)