Sunday, November 17, 2024
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राजस्थान में 15 विधायक आज बनेंगे मंत्री, जातीय व क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश

जिन तीन मंत्रियों को राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री बनाया गया है वे अनुसूचित जाति से हैं। नए कैबिनेट मंत्रियों में चार अनुसूचित जाति से, तीन अनुसूचित जनजाति से होंगे। अब गहलोत कैबिनेट में तीन महिलाएं मंत्री हो जाएंगी।

Written by: Bhasha
Published on: November 21, 2021 10:39 IST

Highlights

  • विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा फिर बनाए जाएंगे मंत्री
  • बसपा से कांग्रेस में आए राजेंद्र गुढ़ा को मिलेगा इनाम
  • नए कैबिनेट मंत्रियों में चार अनुसूचित जाति, तीन अनुसूचित जनजाति से

जयपुर. आज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल में बहुप्रतीक्षित फेरबदल होने जा रहा है, जिसके तहत 15 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। शपथ ग्रहण समारोह रविवार शाम चार बजे होगा जिसमें 11 विधायकों को कैबिनेट और चार को राज्य मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। राज्य की कांग्रेस सरकार अगले महीने अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे करने जा रही है और मंत्रिमंडल में यह पहला फेरबदल है जिसे पार्टी आलाकमान द्वारा क्षेत्रीय व जातीय संतुलन के साथ साथ पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी सूची के अनुसार कैबिनेट मंत्री के रूप में हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंद राम मेघवाल व शकुंतला रावत को शपथ दिलाई जाएगी। वहीं, विधायक जाहिदा खान, बृजेंद्र ओला, राजेंद्र गुढ़ा व मुरारीलाल मीणा को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी।

इनमें ममता भूपेश, भजनलाल जाटव व टीकाराम जूली इस समय राज्यमंत्री हैं। उन्हें पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। इस सूची में हेमाराम चौधरी, मुरारीलाल मीणा व बृजेंद्र ओला सहित पांच विधायकों को पायलट खेमे का माना जाता है। इसके अलावा पिछले साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावती रुख अपनाए जाने के समय पायलट के साथ साथ पद से हटाए गए विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा है। जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से कांग्रेस में आए छह विधायकों में से राजेंद्र गुढ़ा को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री गहलोत शनिवार रात राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र से मिले और अपने कैबिनेट मंत्री रघु शर्मा, हरीश चौधरी और राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के इस्तीफे उन्हें सौंपे जिन्हें उन्होंने स्वीकार कर लिया। इन तीनों मंत्रियों ने संगठन में काम करने की मंशा के साथ अपने इस्तीफे पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिए थे।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि राज्य में 2023 के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस पुनर्गठन के जरिए क्षेत्रीय व जातीय संतुलन भी बनाने की कोशिश की गई है। जिन तीन मंत्रियों को राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री बनाया गया है वे अनुसूचित जाति से हैं। नए कैबिनेट मंत्रियों में चार अनुसूचित जाति से, तीन अनुसूचित जनजाति से होंगे। अब गहलोत कैबिनेट में तीन महिलाएं मंत्री हो जाएंगी। गहलोत मंत्रिमंडल में इन नए मंत्रियों के आने से अधिकतम 30 मंत्रियों का कोटा पूरा हो जाएगा। सूत्रों ने कहा कि मंत्रिमंडल फेरबदल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 15 विधायकों को संसदीय सचिव व सात को मुख्यमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया जाएगा।

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