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अदालतों में मामलों की संख्या होगी कम? जानें, कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने क्या कहा

किरेन रिजीजू ने कहा कि देश की अदालतों में लंबित मामलों की संख्या 4.90 करोड़ को पार कर गई है जो हर समय उन्हें परेशान करती है।

Reported By : Amrish Kumar Edited By : India TV News Desk Updated on: March 02, 2023 13:25 IST
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Image Source : FILE कानून मंत्री किरेन रिजीजू।

उदयपुर: केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजीजू ने अदालतों में लंबित मामलों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा कि उनके मंत्रालय ने इस मुद्दे के समाधान के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि आने वाले दिनों में और कदम उठाए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि अदालतों में लंबित मामलों की संख्या को कम करने का प्रमुख जरिया टेक्नॉलजी है और अदालतों को पेपरलेस बनाने के लिए देशभर में अदालतों को प्रौद्योगिकी से लैस किया जा रहा है।

‘अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई हुई है’

मामलों की संख्या कम करने के सवाल पर रिजीजू ने कहा, ‘हम उस ओर बढ़ रहे हैं। अब हम इसे अंतिम रूप दे रहे हैं। हाई कोर्ट्स, लोवर कोर्ट्स और ट्राइब्यूनल्स को टेक्नॉलजी से लैस किया जा रहा है। ई-अदालतों के दूसरे चरण की सफलता के कारण ही कोरोना महामारी के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई हुई।’ उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (MLSU) उदयपुर में ‘भारत में सतत विकास: क्रमागत उन्नति और कानूनी परिप्रेक्ष्य’ विषयक सम्मेलन को संबोधित करते हुए रिजीजू ने कहा कि कई हाई कोर्ट्स ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करने में अच्छा काम किया है। 

‘कोर्ट्स में लंबित मामलों की संख्या 4.90 करोड़ के पार’
रिजीजू ने कहा कि देश की अदालतों में लंबित मामलों की संख्या 4.90 करोड़ को पार कर गई है जो हर समय उन्हें परेशान करती है। उन्होंने कहा, ‘किसी भी राष्ट्र, किसी भी समाज में इतने सारे मामले लंबित होना बिल्कुल अच्छी बात नहीं है। इसके कई कारण हैं। यह हमारी व्यवस्था को भी शोभा नहीं देता है। मामले लंबित होने के कई कारण हैं और इसके समाधान के भी कई रास्ते हैं जिनमें सबसे बड़ा तकनीक है। इसके अलावा भी मंत्रालय कई चीजों पर काम कर रहा है और आने वाले दिनों में हम कुछ और कदम उठाने जा रहे हैं।’

‘भारत में जजों के लिए हालात आज बहुत विकट हैं’
रिजीजू ने सुझाव दिया कि मामलों को निपटाने की दर, फैसले करने की गति बढ़नी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘भारत में जजों के लिए हालात आज बहुत विकट हैं। एक-एक जज जितने मामले निपटाते हैं, मैं समझता हूं कि यह बाकी लोगों के लिए तो असंभव है। जज एक दिन में 50-60 मामलों की सुनवाई करता है। वे इतनी बड़ी संख्या में मामलों को निपटाते भी हैं लेकिन उसकी दोगुनी संख्या में नए-नए मामले हर रोज आते हैं। लोग पूछते हैं कि इतने मामले लंबित क्यों हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि जजों के इतना काम करने के बावजूद मामले लंबित हैं। इसमें जजों की नहीं, सिस्टम की गलती है।’

‘सरकार कई पुराने कानूनों को हटाने की कोशिश कर रही है’
कानून मंत्री ने कहा कि सरकार कई पुराने व निरर्थक कानूनों को हटाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ‘हम उसी गतिशील न्यायिक व्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं जो हमारे देश में होनी चाहिए। न्यायपालिका को पेपरलेस बनाने का काम चल रहा है, जो पर्यावरण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। जिस तरह से हम अपना जीवन जी रहे हैं, वह हमारे अस्तित्व के लिए खतरा बन गया है। आर्थिक विकास हासिल करने की चाहत और हमारे आस-पास जो बेतरतीब चीजें हो रही हैं, वे डराने वाली हैं।’

‘हम पीएम मोदी के नेतृत्व में विश्व नेता बन रहे हैं’
रिजीजू ने कहा, ‘हमारा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘सुपर पावर’ एवं विकसित देश बनकर रहेगा और हम माननीय प्रधानमंत्री का यह सपना जरूर सच करेंगे। हम प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विश्व नेता बन रहे हैं, पूरा विश्व हमको अब ‘लीडर’ के रूप में देखता है। हम पूरे विश्व को बता रहे हैं कि हम एक जिम्मेदार देश हैं और इसलिए हमको अपनी जिम्मेदारी नहीं भूलनी चाहिए और जलवायु संरक्षण की ओर ध्यान देना चाहिए।’

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