राजस्थान के कोटा से एक दिल झकझोरने वाली घटना सामने आ रही है। कोटा में एक छात्र ने मंगलवार रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। बता दें कि यह इस महीने की चौथा और इस साल का 21वां मामला है, जिसने एक बार फिर एंट्रेंस कोचिंग हब में छात्रों की मौत को चर्चा में ला दिया है। जानकारी के मुताबिक, 18 वर्षीय छात्र बिहार के गया का रहने वाला था। छात्र का नाम वाल्मिकी जांगिड़ बताया जा रहा। वाल्मिकी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) में एडमिशन के लिए ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) मेंस एग्जाम के लिए एक कोचिंग संस्थान में पढ़ाई कर रहा था। छात्र पिछले साल से कोटा के महावीर नगर इलाके में किराए के मकान में रहता था।
नहीं मिला सुसाइट नोट
पुलिस के मुताबिक, छात्र के सुसाइड की वजह का पता नहीं चल सका है। महावीर थाना अधिकारी ने बताया कि 15 अगस्त को छात्र वाल्मीकि दिनभर अपने कमरे से बाहर ही नहीं निकला। देर शाम मकान मालिक ने रूम का दरवाजा खटखटाया, पर दरवाजा नहीं खुला। जिस पर मकान मालिक को शक हुआ, फिर दरवाजा तोड़ा गया तो छात्र साफी के जरिए फंदे पर लटका मिला। जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस की मानें तो छात्र ने दरवाजे के रोशनदान से गले में फंदा लगा लिया। पुलिस ने बताया कि छात्र के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस के मुताबिक इस साल अब तक 21 कोचिंग छात्र आत्महत्या कर चुके हैं।
आत्महत्या बनी चिंता का विषय
अब कोटा में बार-बार छात्रों की आत्महत्या चिंता का विषय बन गई है। छात्रों को सुसाइड मामलों पर कुछ दिनों पहले सीएम अशोक गहलोत ने भी चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि पैरेंट अपने बच्चों पर किसी विशेष स्ट्रीम या कॉलेज में एडमिशन लेने का दबाव न बनाएं। बच्चों के मौत हमारे लिए चिंता का विषय है। इन आत्महत्याओं ने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ा दी है। राज्य सरकार ने कोटा में छात्रों के लिए एक हेल्पलाइन सहित कई कदमों की घोषणा की है।
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