Highlights
- गहलोत के समर्थक 90 विधायकों ने सौंपा इस्तीफा
- कांग्रेस आलाकमान ने कमलनाथ को बुलाया दिल्ली
- 'गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ से हटाया जाए'
Rajasthan Crisis: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव और 'भारत जोड़ो' यात्रा के बीच राजस्थान में सियासी संकट गरमा गया है। कांग्रेस आलाकमान की ओर से सचिन पायलट को राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनाने की संभावना के बीच अशोक गहलोत के समर्थक 90 विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया। दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मामले को सुलझाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को बागी विधायकों से बात करने के निर्देश दिए थे। हालांकि, विधायकों ने दोनों नेताओं के सामने कुछ शर्तें रखते हुए मिलने से इनकार कर दिया।
कमलनाथ दोनों गुट के विधायकों के बीच कर सकते हैं मध्यस्थता
इस बीच, कांग्रेस आलाकमान ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को तुरंत दिल्ली बुलाया है। कमलनाथ दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। बताया जा रहा है कि कमलनाथ गहलोत गुट और पायलट गुट के विधायकों के बीच मध्यस्थता करेंगे। वहीं, कांग्रेस कमेटी ने सोनिया गांधी से पार्टी के खिलाफ अनुशासनहीनता मामले में कठोर कार्रवाई करने की सिफारिश की है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने मांग की है कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को पार्टी अध्यक्ष पद की दौड़ से हटाया जाए। सोनिया गांधी से सिफारिश की गई है कि वो पार्टी अध्यक्ष के लिए किसी अन्य उम्मीदवार का चयन करें।
सीडब्ल्यूसी सदस्यों ने की बागी विधायकों की शिकायत
गहलोत खेमे के विधायकों के बगावती रुख से नाराज सीडब्ल्यूसी सदस्यों ने सोनिया गांधी के पास उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पार्टी नेताओं ने कहा है कि उन पर विश्वास करना अच्छा नहीं होगा। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को उनकी उम्मीदवारी पर पुनर्विचार करना चाहिए। सदस्यों ने सोनिया गांधी से एक और ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने का आग्रह किया है, जो वरिष्ठ नेता हो और गांधी परिवार के प्रति भी वफादार हो।
गहलोत की जगह सचिन पायलट को सीएम पद मिलना था
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। इसके बाद से चर्चा थी कि अशोक गहलोत के अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ेगा और उनकी जगह सचिन पायलट लेंगे। सोनिया गांधी ने इसके लिए सचिन पायलट और अशोक गहलोत से बात भी की थी। हालांकि, सचिन पायलट को लेकर ऐलान किया जाता, उससे पहले ही राजस्थान में विधायकों ने बगावत कर दी और अशोक गहलोत गुट के करीब 90 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया।