जोधपुर: भले ही केंद्र सरकार ने तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को बड़ी राहत दी है, लेकिन देश में आज भी मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक की कुप्रथा का दंश झेल रही हैं। ताजा मामला जोधपुर का है जहां ईद के मुकद्दस मौके पर नोटिस के जरिए तीन तलाक देने का मामला सामने आया है। पीड़िता ने जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के प्रतापनगर सदर थाने में इस बात को लेकर मामला दर्ज करवाया है।
"निकाह के दो महीने बाद दहेज को लेकर करने लगे परेशान"
पुलिस को दी रिपोर्ट में पीड़िता ने बताया कि उसका निकाह 18 जनवरी 2020 को मसूरिया के सिलावटो का बास निवासी मोइन खान पुत्र अब्दुल सत्तार खान के साथ हुआ था। निकाह के समय उसके माता-पिता ने अपनी हैसियत से अधिक दहेज देकर उसका निकाह करवाया था। पीड़िता ने रिपोर्ट में बताया कि निकाह के बाद दो महीनों तक उसके शौहर और ससुराल वालों ने उसके साथ अच्छा बर्ताव रखा लेकिन दो महीने बाद उसका शौहर, सास-ससुर और देवर दहेज कम देने को लेकर ताने मारने लगे।
गर्भवती होने के बावजूद घर से निकाला
महिला ने आरोप लगाया है कि वह गर्भवती थी, लेकिन ससुराल वाले उसके साथ मारपीट कर उसे प्रताड़ित करते थे। उसने बताया कि 3 सितंबर 2021 को ससुराल वालों ने उसके साथ मारपीट कर घर से निकाल दिया, जिसके बाद से वह अपने पीहर में ही रह रही है। पीड़िता ने मारपीट को लेकर पूर्व में 7 नवंबर 2021 को महिला थाना पश्चिम में दहेज के लिए प्रताड़ित करने और मारपीट का मुकदमा दर्ज करवाया था।
वकील के जरिए भिजवाया तीन तलाक का नोटिस
अपनी शिकायत में पीड़िता परिना बानो ने पुलिस को बताया कि उसके शौहर ने अपने वकील के जरिए गत 7 जून 2023 को एक नोटिस भिजवाया, जिसमें उसे तीन बार उच्चारण करके तलाक देने का कथन किया गया है। उसने आरोप लगाया है कि ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी घोषित करने के बावजूद उसके पति ने उसे तीन तलाक देने का अपराधिक कृत किया है। फिलहाल पीड़िता की शिकायत पर प्रतापनगर सदर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
(रिपोर्ट- चन्द्रशेखर व्यास)
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