जोधपुर: राजस्थान के जोधपुर के ओसियां थाना क्षेत्र से कल सुबह एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर जला देने का सनसनीखेज मामला सामने आया था। इस हत्याकांड की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था। एसपी ग्रामीण धर्मेन्द्र सिंह यादव और जिला कलेक्टर हिमांशू गुप्ता तुरंत मौके के लिए रवाना हो गए थे। वहीं दुसरी ओर आसपास के गांवों के लोग भी घटना स्थल पर एकत्रित हो गए थे। पुलिस ने मौके पर देखा कि 60 साल के पूनाराम, उसकी 55 साल की पत्नी भंवरीदेवी, पुत्रवधु धापूदेवी और 6 महीने की मासूम पौत्री मनीषा का शव एक झोपड़े में मिला था। अब इस पूरे हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है।
भतीजा ही निकाला कातिल
पुलिस ने इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा चंद घण्टों में करते हुए मृतक पूनाराम के भतीजे 19 वर्षीय पप्पुराम को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि पप्पुराम ने ही अपने चाचा पूनाराम और अन्य लोगों की हत्या कर शवों को झोपड़ी में डालकर जला दिया था। बताया जा रहा है कि पूनाराम भैराराम के एक भाई और हैं जिसका कोई उत्तराधिकारी नहीं है, और उसकी जमीन कहीं पूनाराम ना बेच दे, इस बात को लेकर विवाद था। इस दौरान भैराराम का एक बेटा जो कि गुजरात के सूरत में रहता था उसने पूर्व में आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद भैराराम को लगातार इस बात को लेकर शक था कि उसके भाई पूनाराम ने उसकी हत्या करवाकर आत्महत्या का रंग दे दिया है।
भाई की कथित हत्या का लेना था बदला
इसी बात को लेकर दोनों भाईयों में अक्सर विवाद रहता था और एक दिन दोनों भाईयों में इस बात को लेकर विवाद हुआ। जब भैराराम ने फिर पूनाराम पर अपने बेटे की हत्या कर देने का आरोप लगाया तो आवेश में आकर पूनाराम ने कह दिया कि हां मैने तेरे बेटे की हत्या करवाई है क्या कर लेगा। जिसके बाद भैराराम के सबसे छोटे बेटे पप्पुराम के मन मे अपने भाई की हत्या का बदला लेने की योजना बनने लगी। वह अपने चाचा पूनाराम के बेटे रेवतराम की हत्या कर अपने भाई की हत्या का बदला लेना चाहता था। इसके बाद वह कल सुबह रेवतराम की हत्या करने के उद्देश्य से चाचा के घर गया। लेकिन रेवतराम कल रात ही ट्यूबवेल पर जाकर सो गया। वह नहीं मिला तो उसने घर में जितने लोग थे सभी का गला काटा और फिर झोपड़ी में ले जाकर जलाकर हत्या कर दी।
नहीं उठाए अधजले शव, मांगो को लेकर अड़े प्रदर्शनकारी
इस घटना में आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद एक तरफ जहां प्रदेश में इस घटना को लेकर राजनीति का दौर शुरू हो गया है, वहीं जाट समाज के लोग और परिजनों ने मृतकों के शव उठाने से इंकार कर दिया। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने कल एक ट्वीट कर इस मामले को प्रदर्शन की तरफ मोड़ दिया। उन्होंने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बात कही और अपने विधायकों को घटनास्थल पर पहुंचने के निर्देश दिए। इसके बाद खींवसर के विधायक और हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल सहित आरएलपी के अन्य विधायक मौके पर पहुंचे और उन्होंने मृतक पुनाराम के दो बेटों को एक-एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देने, दोनों बेटों को सरकारी नौकरी देने और हत्यारे पप्पू राम के खेत में सभी मृतकों के अंतिम संस्कार की मांग रखी। जिसके बाद मौके पर मौजूद जाट समाज के लोगों ने शव उठाने से इंकार कर दिया।
फिलहाल समझाइश का दौर जारी है लेकिन अभी तक बात नहीं बनी है। वहीं ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा को जब इस घटना की जानकारी मिली तो वे विधानसभा की कार्रवाई को छोड़कर अपने विधानसभा क्षेत्र में स्थित घटनास्थल पर पहुंची और परिजनों से समझाइश शुरू की। समझाइश का दौर अल सुबह 4:00 बजे तक चला लेकिन बात नहीं बनी।
(रिपोर्ट- चन्द्रशेखर व्यास)
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