जोधपुर (राजस्थान): जोधपुर जिले के देचू थाना इलाके में पाकिस्तान के 11 विस्थापितों के शव मिलने के मामले में पुलिस को इसी परिवार की सदस्य लक्ष्मी पर हत्या करने का शक है। यह जानकारी पुलिस सूत्रों से मिली है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस को शवों के पास से जहर की शीशियां और इंजेक्शन मिले हैं। इसके अलावा पुलिस को अल्प्राजोलम टेबलेट भी मिली, जो नींद के लिए इस्तेमाल की जाती है।
सूत्रों के अनुसार, मृतकों को चूहे मारने की दवाई का इंजेक्शन दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि जांच कर रही पुलिस टीम को शक है कि 38 साल की लक्ष्मी ने ही परिवार के सभी सदस्यों को इंजेक्शन दिया। दरअसल, उसे इंजेक्शन देना आता है क्योंकि उसने पाकिस्तान से नर्सिंग का कोर्स किया था। पुलिस को यह शक इसलिए है क्योंकि 10 मृतकों के हाथ में सूई दी गई है, जबकि लक्ष्मी के पैर में सुई का निशान मिला है।
ऐसे में पुलिस को शक है कि लक्ष्मी ने पहले परिवार के बाकि सदस्यों को हाथ में इंजेक्शन दिया और फिर अपने पैर में इंजेक्शन लगाया। मौके से बरामद सभी चीजों को देखते हुए पुलिस को शक है कि सभी के खाने में पहले नींद की गोलियां डाली गई थीं और फिर खाना खाने के बाद सभी को इंजेक्शन दिया गया है।
वहीं, परिवार का जो 12वां सदस्य बच गया है, उसके बारे में पता चला है कि वह उस रात को खाना खाने के बाद नील गाय भगाने खेत में गया था और फिर वहीं सो गया था। फिर जब वह सुबह वापस लौटा तो सबको मृत पाया।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राहुल बरहाट ने बताया कि परिवार के सभी सदस्य भील समुदाय के पाकिस्तान के हिंदू शरणार्थी थे और गांव में खेत में रह रहे थे जिसे उन्होंने खेतीबाड़ी के लिए बटाई पर लिया था।