
राजस्थान के झुंझुनू जिले के पिलानी क्षेत्र में एक खेत में 3 फीट लंबा रहस्यमयी रॉकेट मिलने से हड़कंप मच गया। यह रॉकेट खेड़ला गांव के पास एक खेत में गिरा मिला, जिसके बाद खेत मालिक महेंद्र जांगिड़ ने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और उच्च अधिकारियों को भी जानकारी दी गई।
रॉकेट के गिरने की खबर पूरे जिले में तेजी से फैल गई और लोग यह जानने को उत्सुक हो गए कि आखिर यह रॉकेट कहां से आया और किसने इसे छोड़ा। खास बात यह थी कि जिस स्थान पर यह रॉकेट गिरा, वहां से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर सेना की छावनी स्थित है। इस कारण मामला और भी संवेदनशील हो गया। प्रशासन ने तत्काल जांच शुरू कर दी है।
जांच में क्या हुआ खुलासा?
पुलिस और प्रशासन की ओर से की गई जांच के बाद बड़ा खुलासा हुआ। यह रॉकेट किसी संदिग्ध गतिविधि से नहीं, बल्कि बिट्स पिलानी के अपोजी कार्यक्रम के तहत आयोजित प्रोजेक्ट टेस्टिंग के दौरान गिरा था। छात्र अपने बनाए हुए मॉडल रॉकेट का परीक्षण कर रहे थे।
तकनीकी गड़बड़ी के कारण गिरा रॉकेट
जांच में पता चला कि यह रॉकेट पहले दो बार सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था, लेकिन तीसरी बार इसमें तकनीकी गड़बड़ी आ गई। रॉकेट में लगा पैराशूट समय से पहले ही खुल गया, जिससे तेज हवा के कारण यह अपने निर्धारित लॉन्चिंग स्थल से करीब 3 किलोमीटर दूर खेड़ला गांव के पास खेत में आकर गिर गया।
लोगों ने ली राहत की सांस
रॉकेट के गिरने की खबर के बाद जिले में हलचल मच गई थी और लोग इसे लेकर अलग-अलग अटकलें लगाने लगे थे, लेकिन जब जांच में स्पष्ट हुआ कि यह केवल एक वैज्ञानिक प्रयोग का हिस्सा था, तो लोगों ने राहत की सांस ली।
प्रशासन ने भी पुष्टि की कि इस रॉकेट का किसी खतरनाक गतिविधि से कोई संबंध नहीं है और यह सिर्फ एक छात्रों द्वारा किया गया शैक्षणिक प्रयोग था। मामले के स्पष्ट होने के बाद प्रशासन ने आम जनता से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी संदेहजनक वस्तु मिलने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।
(रिपोर्ट- अमित शर्मा)
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