राजस्थान के रेगिस्तान में स्थित जैसलमेर जिले में हुई एक घटना ने सबको हैरत में डाल दिया है। जैसलमेर के रेतीले धोरों में एक खेत में ट्यूबवैल खोदते समय पानी धरती फाड़कर बाहर आ गया। इस पानी की रफ्तार इतनी थी उसने करीब तीन से चार फीट का जंप लगाया। उसके बाद यह पानी करीब 50 घंटों तक लगातार उसी रफ्तार से बाहर निकलता रहा। किसी के यह समझ में नहीं आया है कि आखिर ये कैसे हो रहा है? शनिवार को सुबह पांच बजे धरती फाड़कर निकलना शुरू हुआ पानी सोमवार को सुबह सात बजे अपने आप बंद हो गया।
जानकारी के अनुसार हैरान कर देने वाला यह मामला विक्रम सिंह भाटी के खेत में हुआ। उनका खेत जैसलमेर के नहरी क्षेत्र के चक 27 BD के तीन जोरा माइनर के पास में है। विक्रम सिंह भाजपा के मोहनगढ़ मंडल अध्यक्ष हैं। वे अपने खेत में ट्यूबवैल खुदवा रहे थे। इसके लिए ट्यूबवैल खोदने वाली मशीन लगी हुई थी। शनिवार को सुबह करीब पांच बजे अचानक पानी धरती फाड़कर बाहर निकला। पानी का प्रेशर इतना था कि वह तीन से चार फीट ऊंचाई तक उछलता रहा। यह देखकर विक्रम सिंह और आसपास के लोग सहम गए। यह घटना उस समय हुई जब 850 फीट की गहराई तक ट्यूबवैल खोद लिया गया था। उसके बाद पाइप बाहर निकालते समय तेज रफ्तार से पानी निकल पड़ा।
ट्यूबैवल खोद रही मशीन भी धंस गई
देखते ही देखते पानी के बहाव से ट्यूबैवल खोद रही मशीन भी धंसने लग गई। वहां काम रहे लोगों ने पानी को रोकने की कोशिश की लेकिन नाकामयाब रहे। उन्होंने सोचा पानी थोड़ी देर चलकर थम जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पानी उसी रफ्तार से जमीन से निकलता रहा। यह पानी धीरे-धीरे उनके पूरे खेत में फैलने लग गया। बाद में वह खेत की सरहदें तोड़ने लगा। इस पर उन्होंने प्रशासन को सूचित किया। देखते ही देखते ही यह मामला सोशल मीडियो में छा गया और इसके वीडियो वायरल हो गए। विक्रम सिंह का कहना है लगातार बाहर निकलने से खेत में चार से पांच फीट तक पानी भर गया है।
चारों तरफ पानी का सैलाब आ गया
इस पर मोहनगढ़ के नायब तहसीलदार ललित चारण वहां पहुंचे। उन्होंने हालात देखकर इलाके के लिए लोगों को एडवाइजरी जारी की। इसमें कहा गया कि जहां से पानी निकल रहा है उसके 500 मीटर के दायरे में कोई नहीं जाए। लेकिन शनिवार को दिन भर और रात में भी पानी निकलना थमा नहीं। रविवार को भी दिनभर पानी उसी रफ्तार और प्रेशर से निकलता रहा। इससे वहां चारों तरफ पानी का सैलाब आ गया।
सोमवार सुबह 7 बजे पानी निकलना हुआ बंद
फिर शाम को केयर्न वेदा इंडिया कम्पनी, ओएनजीसी और ऑयल इंडिया कम्पनी के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। लेकिन मामला उनकी भी समझ से परे रहा। रविवार को भी रातभर बहने के बाद सोमवार को सुबह करीब सात बजे यह पानी अपने आप थम गया। लेकिन इतना पानी प्रेशर से कैसे निकला किसी को समझ नहीं आया। सोमवार को सुबह जब पानी थमा तक प्रशासन और खेत मालिक ने राहत की सांस ली। इस पानी और वहां की मिट्टी के सेम्पल लिए गए हैं। उनकी जांच कराई
फिर रिसाव की आशंका
हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इस जगह किसी भी वक्त रिसाव फिर से शुरू हो सकता है। ऐसे में जहरीली गैस का भी रिसाव हो सकता है। उन्होंने कहा कि जमीन धंसने और विस्फोट होने की संभावना बनी हुई है इसलिए जिला कलेक्टर ने क्षेत्र में धारा 163 लगाई थी, जो कि अभी भी प्रभावी है।
काश्तकार को किया पाबंद
उन्होंने आम जनता से अपील की है कि कोई भी ग्रामीण ट्यूबवेल के 500 मीटर के क्षेत्र में प्रवेश नहीं करेगा। इसके साथ ही मवेशियों को भी क्षेत्र में जाने से रोकने की बात कही है। उन्होंने बताया कि खेत के काश्तकार को पाबंद किया है कि जब तक विशेषज्ञों की राय न आए, तब तक फंसे हुए उपकरणों को बाहर निकालने की कोशिश न करें।
(रिपोर्ट- योगेश गज्जा)