जयपुर: राजस्थान मे कोरोना का सबसे बडा हॉटस्पॉट जयपुर का रामगंज इलाका वो इलाका है जहां से कुछ हफ्तों पहले हर रोज औसत 100 से 50 पॉजिटिव केस आ रहे थे लेकिन अब वह इलाका चंद दिनों में कोविड फ्री होने जा रहा है। जी हां इसकी कल्पना करना भी मुश्किल था लेकिन रामगंज मे ताबडतोड टेस्टिंग और सजगता ने इस इलाके को संक्रमण मुक्त करने के मुहाने पर खडा कर दिया। रामगंज मॉडल कैसे सक्सेसफुल हुआ? कैसे भीलवाडा मॉडल से बडा रामगंज मॉडल बनकर तैयार हुआ है ? कैसे चिकित्सकों की टीम से लेकर तमाम लोगों ने इस पूरे इलाके को काबु मे किया ? इन तमाम सवालों का जवाब जानिये स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा से।
जयपुर का रामगंज एक बडी चुनौती थी
12 मार्च को ओमान से आये हुये शख्स ने रामगंज इलाके को इस कदर संक्रमित किया की रामगंज इलाके से कोरोना पेशेन्ट की कतार लग गयी। बची कुची कसर तब्लीगी जमात के लोगो ने पूरी कर दी। हालात ये हो गये कि पूरे परकोटे इळाके को बंद कर दिया गया और कर्फ्यु तैनात कर दिया। परकोटे की जिन्दगी थम सी गयी थी लेकिन उसके बाद असली काम शुरु किया ,डाक्टर्स, पुलिस, नर्स पैरामेडिकल स्टाफ ने।
रामगंज मे जनसंख्या के आधार पर बनाये 30 क्लस्टर
स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि रामगंज मॉडल सक्सेसफुल होने के पीछे भरपूर कोशिश और 24 घंटे मॉनिटरिंग का योगदान रहा है। रामगंज की बसावट अलग तरह की है..एक मकान मे कई कई लोग रहते है। लिहाजा जनसंख्या के आधार पर 30 क्लस्टर बनाये गये और 21-21 मकानो के रैंडम सैम्पलिंग लिये गये । हर दिन औसतन 60 सैम्पलिंग लिये गये।। लोगों को समझाना और उन तंग गलिये को सैम्पलिंग लेना एक बडा चैलेंज था। सैम्पलिंग के बाद जो पाँजिटिव मिले उन्हे अस्पताल मे एडमिट किया गया और जिनमे आईएलआई सिम्पटम व कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग वालो को क्वारांटीन किया गया। इस काम मे डॉक्टर्स , पैरामेडिकल स्टाफ, नर्स, व पुलिस प्रशासन का भरपूर सहयोग मिला
रामगंज मे मस्जिदों में भी ऐलान कराया गया
रामगंज मे लोगो मे जागरुकता लाने के लिये हर रोज मस्जिदो मे एलान कराया गया, वहां के धर्मगुरुओं से मिलकर खुद वहां जाकर लोगो को समझाने का प्रयास किया गया जिसके बाद लोगो ने सपोर्ट किया। हर शाम मस्जिदो से भी एलान कराया गया। अलग अलग समुदायो के धर्म गुरुओ को समझाया गया। साथ ही तंग गलियो मे जहां कहीं भी कोरोना से संक्रमित व्यक्ति मिलता था उस इळाके को पूरी तरह से हम प्रतिबंधित कर देते थे।
5000 से ज्यादा लोगों की टीम बनकर तैयार थी
रामगंज के इळाके को कन्ट्रोल करना एक बहुत बडी चुनौती थी उसकी बडी वजह ये भीहै क्योंकि भीलवाडा के मुकाबने जयपुर के रामगंज का भौगोलिक ग्राफ एकदम अलग था। आबादी बहुत ज्यादा है। लिहाजा हर घर और गलियो से सैम्पलिंग करना बहुत बडा टास्क था लेकिन हमने 5000 से ज्यादा की बडी टीम बनाई..साथ मे नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम के साथ सर्वे भी कराया गया। जिसके बाद पहले पाँजिटव उसके बाद कान्टेक्ट ट्रेसिंग की गयी। कान्टेक्ट ट्रेसिंग मे मोबाईल काँल डिटेल साथ ही लोगो से जानकारी व तमाम संसाधनो के साथ लोगो को अस्पताल मे भर्ती भी कराया गया साथ ही क्वारांटीन भी किया गया। लोगो मे जागरुकता की बडी जरुरत थी जिसपर हमने ज्यादा फोकस किया
देश के 4 महानगरों की लिस्ट में जयपुर का नाम, केन्द्र से भी मिली तारीफ
रामगंज मे हुये माईक्रो मैनेजमेंट की बदौलत भीलवाडा के बाद रामगंज माँडल की तारीफ की जा रही है। इसकी सबसे बडी वजह है ग्राऊंड जीरो पर चिकित्सको व प्रशासन की कडी मेहनत। क्योंकि जिस तेजी से मामले सामने आ रहे थे उसने हर किसी को डरा दिया था लेकिन अब ये रामगंज कोविड फ्री बहुत जल्द होने जा रहा है।