Saturday, November 23, 2024
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जयपुर के पूर्व शाही परिवार का 15000 करोड़ रुपये का संपत्ति विवाद सुलझा, जानें कैसे हुआ बंटवारा

प्रियानंदना ने अदालत का रुख किया था, क्योंकि थाईलैंड में रहने के दौरान जयमहल पैलेस पृथ्वीराज सिंह के बेटे विजित सिंह ने ले लिया था, जो महाराज मानसिंह की दूसरी पत्नी के बेटे थे।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 22, 2021 20:47 IST
Jaipur Ex-Royals Property Dispute, Jaipur 15000 Crore Ex-Royals, Maharani Gayatri Devi- India TV Hindi
Image Source : PTI REPRESENTATIONAL जयपुर के पूर्व शाही परिवार के 15000 करोड़ रुपये के संपत्ति विवाद को सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता से सुलझा लिया गया है।

Highlights

  • विवाद लगभग 24 साल पहले 1997 में जगत सिंह की मृत्यु के बाद शुरू हुआ था।
  • फैसले के साथ ही हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर चल रहा विवाद खत्म हो गया है।
  • अब पूर्व शाही परिवार में संपत्ति विवाद के कारण उत्पन्न मनमुटाव भी दूर होने की उम्मीद है।

जयपुर: जयपुर के पूर्व शाही परिवार के करीब ढाई दशक से चल रहे 15000 करोड़ रुपये के संपत्ति विवाद को सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता से सुलझा लिया गया है। इस संपत्ति विवाद के निपटारे में दिवंगत महारानी गायत्री देवी के पोते को जयमहल होटल पर मालिकाना हक दिया गया है। इस समझौते में सुप्रीम कोर्ट ने रामबाग पैलेस के विवाद को भी सुलझा लिया है। इस फैसले के साथ ही हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर चल रहा विवाद खत्म हो गया है। अब पूर्व शाही परिवार में संपत्ति विवाद के कारण उत्पन्न मनमुटाव भी दूर होने की उम्मीद है।

जगत सिंह की मृत्यु के बाद शुरू हुआ विवाद

विवाद लगभग 24 साल पहले 1997 में जगत सिंह की मृत्यु के बाद शुरू हुआ था। पूर्व महाराजा मान सिंह ने महारानी गायत्री देवी के इकलौते पुत्र जगत सिंह को अपनी संपत्ति सौंप दी थी, लेकिन जगत सिंह की मौत के बाद यह मामला करीब 24 साल तक अदालतों में चला। जगत सिंह की शादी थाईलैंड के शाही परिवार की प्रियानंदना से हुई थी। हालांकि प्रियानंदना के साथ उनकी शादी ज्यादा समय तक नहीं चल पाई। जगत सिंह और प्रियानंदना के अलग होने के बाद उनके बच्चे देवराज और ललिता प्रियानंदना के साथ थाईलैंड में रहने लगे।

प्रियानंदना ने किया था अदालत का रुख
प्रियानंदना ने अदालत का रुख किया था, क्योंकि थाईलैंड में रहने के दौरान जयमहल पैलेस पृथ्वीराज सिंह के बेटे विजित सिंह ने ले लिया था, जो महाराज मानसिंह की दूसरी पत्नी के बेटे थे। इसके बाद प्रियानंदना ने इस संपत्ति में अपने बच्चों का हक दिलाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ की मध्यस्थता से समझौता हुआ है। समझौते के अनुसार, जयपुर शाही परिवार के पूर्व महाराज मान सिंह और पूर्व महारानी गायत्री देवी के पोते देवराज और पोती ललिता दिवंगत जगत सिंह के उत्तराधिकारी हैं।

जयमहल पैसे से विजित सिंह का नियंत्रण हटा
समझौते के अनुसार, जयमहल पैलेस जो अब जयपुर शहर के मध्य में स्थित एक पांच सितारा होटल है, उसका पूरा अधिकार देवराज और ललिता को सौंप दिया गया है। जयमहल पैलेस से विजित सिंह का नियंत्रण पूरी तरह से हटा दिया गया है। रामबाग पैलेस होटल के शेयर अधिकार महाराजा मान सिंह के पुत्र जय सिंह और पृथ्वीराज के पुत्र विजित सिंह को सौंप दिए गए हैं। इस सर्वोच्च समझौते में देवराज सिंह और ललिता को रामबाग पैलेस के हिस्से से मुआवजा देने का उल्लेख भी किया गया है। दोनों होटल इस समय टाटा समूह के अधीन हैं। अधिकारियों ने पुष्टि की कि दोनों संस्थाओं ने निर्णय स्वीकार कर लिया है। (IANS)

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