राजस्थान की सियासत मे एक कहावत खूब चर्चा में है, तू डाल डाल तो मैं पात पात..जी हां ये लाईने किसी और के लिये नहीं बल्कि सूबे के मुखिया व उपमुखिया के बीच चल रहे व्यंग बांणो को लेकर है। ताजा मामला प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री की नाराजगी का है,दरअसल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह अपनी ही सरकार में अपने विभाग के अधिकारियों से नाराज है। विश्वेन्द्र सिंह ने एक दिन पहले इंडिया टीवी से बातचीत के दौरान ये कहा था कि अधिकारियो को हर हालत मे मेरी सुननी पड़ेगी जो अधिकारी एसा नहीं कर रहे है उनके खिलाफ शिकायत सीएमओ मे की जा चुकी है।
शिकायत पर कार्रवाई की आस में विश्वेन्द्र सिंह उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से भी मिले और अपनी बात रखी। इस मामले पर जब उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से सवाल किया गया तो सचिन पायलट ने भी दो टूक मे जवाब दे दिया कि ,जनता ने किसी को चुनकर नहीं भेजा है,सबको जनता ने चुना है लिहाजा मंत्री महोदय की शिकायत पर सुनवाई हो और दोषियो के खिलाफ कार्वाई की जाय।
इस बयान से साफ हो गया कि सचिन पायलट का निशाना किस तरफ था,कुछ दिन पहले ही कोटा मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर पायलट ने बयान दिया था। सरकार में एक तरफ घूंघट हटाने जैसी प्रथा पर बात करती है तो जिन घरो में बच्चों की मौत हो गयी उसके प्रति संवेदना व्यक्त करने की प्रथा क्यों न हो। खैर इस घमासान बयानों ने साफ कर दिया है कि दोनो ही नेताओं के बीच तल्खियां अभी कम नहीं हुई हैं।