नई दिल्ली/जयपुर: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा ने 2020 में राज्य में राजनीतिक संकट के दौरान फोन टैपिंग के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जिम्मेदार ठहराया है। शर्मा ने साथ ही कहा कि इस संबंध में गहलोत से पूछताछ की जानी चाहिए। दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत के आधार पर दर्ज फोन टैपिंग मामले में बुधवार को गहलोत के पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा से पूछताछ की।
कॉल रिकॉर्डिंग वाली पेन ड्राइव मिली थी
शर्मा को रोहिणी स्थित दिल्ली पुलिस के अपराध शाखा कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पूछताछ के बाद, शर्मा ने कहा कि उन्होंने सात पन्नों का लिखित बयान पेश किया, जिसमें 16 जुलाई 2020 की घटनाओं का क्रम बताया गया, जब उन्हें मीडिया को प्रसारित करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री से कॉल रिकॉर्डिंग वाली एक पेन ड्राइव मिली थी। उन्होंने कहा कि गहलोत बता सकते हैं कि उन्हें कॉल रिकॉर्डिंग कैसे मिलीं और फोन कॉल सर्विलांस पर लिये गये थे। शर्मा ने कहा कि यह कानूनी रूप से किया गया था या नहीं किया गया यह गहलोत ही बतायेंगे। उन्होंने कहा कि यह तत्कालीन मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, गृह सचिव और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव की जानकारी में था।
ऑडियो क्लिप खुद गहलोत ने दी थी
शर्मा ने कहा गहलोत उन कॉल्स का अनुवाद पढते थे। इस बार शर्मा का दावा उनके पिछले रुख से अलग है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें सोशल मीडिया से तीन ऑडियो क्लिप मिले थे और उन्होंने उन्हें मीडिया घरानों को भेज दिया था। इस बार शर्मा से पूछताछ गहलोत के लिए चिंता का विषय हो सकती है क्योंकि शर्मा ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया है कि 2020 में राजस्थान में तत्कालीन कांग्रेस सरकार को "गिराने" को लेकर शेखावत और कांग्रेस के कुछ नेताओं के बीच कथित तौर पर टेलीफोन पर हुई बातचीत की एक ऑडियो क्लिप खुद गहलोत ने उन्हें दी थी। उन्होंने कहा कि अपराध शाखा को अब बाकी विवरण जानने के लिए अशोक गहलोत को पूछताछ के लिए बुलाना चाहिए।
अशोक गहलोत को जांच में शामिल करना चाहिए
शर्मा ने कहा, "जांच के अगले चरण में अशोक गहलोत को शामिल किया जाना चाहिए।" उन्होंने कहा,‘‘ कॉल इंटरसेप्शन में वे (शर्मा) शामिल नहीं थे। यह तत्कालीन मुख्यमंत्री के निर्देश पर किया गया था। अब वह (गहलोत)आगे के विवरण का खुलासा कर सकते हैं, कि फोन ‘सर्विलांस’ कैसे किया गया था, क्या यह कानूनी था या अवैध था।" शर्मा ने दावा किया कि राजनीतिक संकट के दौरान मुख्यमंत्री के निर्देश पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों खेमों के कई कांग्रेस विधायकों के फोन ‘इंटरसेप्ट’ किए गए थे और वे प्रत्येक कॉल की ‘ट्रांसक्रिप्शन’ प्राप्त करते थे। मार्च 2021 में, दिल्ली पुलिस ने शेखावत की शिकायत पर शर्मा के खिलाफ आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और गैरकानूनी तरीके से टेलीफोन पर बातचीत को रिकॉर्ड करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शर्मा पांचवीं बार पूछताछ के लिए अपराध शाखा के सामने पेश हुए हैं। अपराध शाखा के अधिकारियों ने इससे पहले उनसे आखिरी बार 10 अक्टूबर, 2023 को पूछताछ की थी। (भाषा)