जयपुर। कोरोना वायरस से जूझते इस संक्रमण काल मे राज्य सरकारे भले ही यह दावा करें कि केंद्र सरकार की तरफ सेकोई राहत पैकेज नहीं मिल रहा है, लेकिन एक हकीकत यह भी है कि जिन लोगो को अनाज की जरुरत है उन लोगो को मुफ्त में अनाज मुहैया करवाया जा रहा है और अनाज भरपूर मात्रा मे भिजवाने और राज्य सरकार को तय मापदंड के तहत मुहैया कराने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) दिन-रात काम कर रहा है।
राजस्थान में भारतीय खाद्य निगम के महाप्रबंधक संजीव भास्कर ने बताया कि प्रदेश मे एऩएफएसए (राज्यसरकार खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग) व पीएमजीकेएवाई (प्रधानमंत्री ग्रामीण कल्याण योजना) के तहत आने वाले लोगो को केंद्र सरकार की तरफ से मुफ्त गेहूं बांटा जा रहा है। प्रदेश मे 5 करोड से ज्यादा लाभार्थी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
भास्कर ने बताया कि राज्य में अनाज का पर्याप्त भंडार मौजूद है और भुखमरी जैसी कोई स्थिती फिलहाल नहीं आऩे वाली है। उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार से मिलने वाले अनाज को राज्य सरकार तक तय समय पर पहुंचा रहे हैं। 5 करोड़ लाभार्थियो को अबतक मुफ्त गेंहु बांटा गया है। केंद्र सरकार ने प्रति व्यति 375 रुपए का भार वहन किया है। तीन महीने तक मुफ्त बांटे जाने वाले गेंहु का मूल्य 1874 करोड रुपए है।
25 मार्च से लागू हुए लाँकडाउन से लेकर अबतक एफसीआई द्वारा 89 लाख क्विंटल गेहु राजस्थान मे लाभार्थियो के लिए दिया जा चुका है। खास बात यह है कि लॉकडाउन के दौरान अभी तक गेहूं मुफ्त दिया गया है यानी 5 लाख टन गेहुं एफसीआई ने दिया है। .अप्रैल, मई और जून तीन महीने में गेहूं मुफ्त दिया जाएगा। इसकी सीमा बढ़ाकर 10 किलो प्रति व्यक्ति कर दी गई है। यानी इन तीन महीनों में 6 लाख 69 हजार टन गेहूं एफसीआई द्वारा मुफ्त में सभी लाभार्थियो को उपलब्ध कराएगी। महामारी के दौर में एफसीआई भी किसी कोरोना वॉरियर से कम नहीं है, जो दिन रात लोगो के लिए मुस्तैद है और अनाज की कोई भी कमी नही आने दे रही है।