देश की सबसे चर्चित IAS और बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी अपने काम करने के स्टाइल के चलते अक्सर सुर्खियों में रहती है। बुधवार को एक बार फिर वह सड़कों पर उतरी नजर आईं। इस बार टीना डाबी ने बाड़मेर शहर के मुख्य चौराहे अहिंसा सर्कल से राजकीय अस्पताल तक की सड़क पर 'नवो बाड़मेर' अभियान शुरू कर दिया है जिसके तहत शहर को चमकाया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने सड़क पर संचालित हो रही दुकानों और हाथ ठेला संचालकों से अपने-अपने प्रतिष्ठान के आगे सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करवाने के लिए पाबंद किया। साथ ही दूसरी बार वहां पर साफ-सफाई नहीं मिलने की स्थिति में दुकानदारों पर जुर्माना और अस्थाई ठेलों को जब्त करने की चेतावनी भी दी।
बाड़मेर शहर को कचरा मुक्त करने की पहल
IAS टीना डाबी ने बाड़मेर जिला कलेक्टर का पदभार ग्रहण करने बाद से ही बाड़मेर की तस्वीर बदलने की अभिनव पहल शुरू कर दी थी। कुछ ही दिनो बाद "नवो बाड़मेर" यानी नया बाड़मेर बनाने की पहल का आगाज कर दिया था। इसके पहले चरण में बाड़मेर शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने का महासफाई अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत आगामी 2 अक्टूबर तक शहर को साफ सुथरा बनाने का लक्ष्य रखा गया हैं जिसमें आमजन को शहर की सड़कों को कचरा और गंदगी मुक्त बनाना हैं।
टीना डाबी ने बाड़मेर जिला कलेक्टर बनते ही यहां के लोगों का दिल जीत लिया। उन्होंने वो काम कर दिखाया, जो पिछले कई कलेक्टर नहीं कर सके।
सुधरने लगी है शहर की दशा
इस अभियान की शुरुआत के साथ ही शहर के कई भामाशाह आगे आएं और शहर के कई चौराहे सड़के गोद लेकर इनकी सफाई और सौंदर्यकरण का बीड़ा उठाया जिसके तहत भामाशाह तनसिंह चौहान के सुपुत्रों ने अपने पिता की स्मृति में बनाई गई सड़क की महज 24 घंटे में कायापलट कर दी। उन्होंने साफ-सफाई और टूटी सड़क की मरम्मत करवाकर गांधी नगर, शास्त्री नगर और रिको को शहर से जोड़ने वाली मुख्य सड़क की तस्वीर बदल दी। इसके अलावा कृषि उपज मंडी अहिंसा सर्किल स्टेशन रोड पर इस अभियान का असर साफ देखा जा सकता हैं ऐसे में कहना गलत नही होगा कि टीना डाबी के प्रयास अब रंग लाते हुए दिख रहें हैं और अब बाड़मेर की दशा सुधरती हुई दिख रही हैं।
जब तक आदत नहीं बनेगी तब तक नहीं बदलेगी सूरत
आईएएस टीना डाबी का कहना है कि शहरवासी जब तक सफाई को अपनी आदत नहीं बना लेते तब तक किसी तरह बदलाव संभव नहीं है। हमारा प्रयास हैं कि 90 दिनों तक लगातार आमजन की भागीदारी के साथ इस तरह के अभियान निरंतर जारी रखें जाएंगे। किसी भी काम की आदत बनने में 90 दिन का समय लगता हैं ऐसे में जब साफ सफाई आदत बन जाएगी तब शहर की तस्वीर अपने आप बदल जाएगी। हमारा प्रयास हैं बाड़मेरवासी अपनी जिम्मेदारी समझें और ये शहर हमारा घर है। इस घर को साफ सुथरा और स्वच्छ बनाने में शर्म किस बात की।
(रिपोर्ट- कन्हैया लाल)
यह भी पढ़ें-
माथे पर घूंघट, जुबां पर खटाखट अंग्रेजी, महिला सरपंच की इंग्लिश सुन IAS टीना डाबी भी रह गई दंग
टीना डाबी अपने परिवार की इकलौती IAS नहीं हैं, उनके परिवार के अधिकारियों के बारे में भी जानें