नई दिल्ली। कोरोना महामारी के संकट के दौर में एक और बड़ी आफत बनकर आईं टिड्डियों से निपटने के लिए अब वायुसेना ने अपने 2 एमआई-17 हेलीकॉप्टर भेजे हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, टिड्डियों पर केमिकल्स का हवाई छिड़काव के लिए पहली बार रविवार को इसका उपयोग राजस्थान के जोधपुर इलाके में किया गया।
हालांकि एमआई-17 हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल अभी परीक्षण के तौर पर ही किया गया है, लेकिन जल्द ही इसे टिड्डी नियंत्रण अभियान के बेड़े में शामिल किया जाएगा। वनस्पति संरक्षण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय में पदस्थापित उपनिदेशक डॉ. के.एल. गुर्जर ने बताया कि परीक्षण के तौर पर रविवार को वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल हवाई छिड़काव के लिए किया गया जो सफल रहा और जल्द ही इसे टिड्डी नियंत्रण अभियान के बेड़े में शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि एमआई-17 हेलीकॉप्टर से 150 हेक्टेयर में छिड़काव सफलतापूर्वक किया गया। उन्होने कहा, टिड्डी नियंत्रण अभियान में वायुसेना के पांच एमआई-17 हेलीकॉप्टर शामिल किए जाएंगे, लेकिन फिलहाल एक ही हेलीकॉप्टर को देसी तकनीक से केमिकल्स छिड़काव के लिए तैयार किया गया है। छिड़काव के लिए हेलीकॉप्टर में इस्तेमाल की जाने वाली मशीन इंग्लैंड से खरीदी गई है जिसके आ जाने पर बाकी हेलीकॉप्टर को भी टिड्डी नियंत्रण अभियान में शामिल किया जाएगा।
बता दें कि 30 जून को रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि देसी उपकरणों का इस्तेमाल करके एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर को पेस्टिसाइड के छिड़काव के लिए तैयार किया गया है। टिड्डियों को मारने के लिए पेस्टिसाइड के हवाई छिड़काव में ड्रोन का इस्तेमाल काफी पहले से हो रहा है। इधर, शनिवार से एक निजी हेलीकॉप्टर से भी छिड़काव शुरू किया गया है। कृषि मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, राजस्थान के जैसलमेर जिले के 65 आरडी बांदा क्षेत्र में शनिवार को पहली बार टिड्डी नियंत्रण कार्य में बेल हेलिकॉप्टर के जरिए केमिकल्स का छिड़काव शुरू किया गया। (इनपुट-IANS)