निर्वाचन आयोग ने राजस्थान के 85 की उम्र पार कर चुके वरिष्ठ मतदाताओं सहित 40 फीसदी तक दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर से मतदान करने की व्यवस्था की है। यह व्यवस्था प्रदेश की उन 12 सीटों के लिए की गई है, जहां पर पहले चरण में चुनाव होंगे। पोलिंग पार्टियां उन लोगों के घरों तक पहुंच रही हैं, जिन्होंने घर से वोट करने का विकल्प चुना है। निर्वाचन अधिकारियों ने कहा कि पहले चरण की 12 सीटों पर होने जा रहे मतदान के लिए 36,558 मतदाताओं ने घर से ही वोट करने की इच्छा जाहिर की है।
घर-घर जाकर करवाया जाएगा मतदान
पहले चरण के अंतर्गत जयपुर, सीकर, गंगानगर, बिकानेर सीट पर मतदान किए जाएंगे। यहां 27,524 वरिष्ठ मतदाता हैं और 9,306 दिव्यांग मतदाता हैं। मुख्य चुनाव अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने कहा कि 76,636 मतदाताओं ने घर से ही मतदान करने की इच्छा जाहिर की है। ये मतदाता प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों के लिए मतदान करेंगे। इसमें 58,954 बुजुर्ग मतदाता और 17,682 दिव्यांग मतदाता शामिल हैं।
पहले और दूसरे चरण के चुनाव के लिए होम वोटिंग कब?
प्रवीण गुप्ता ने कहा कि बूथ लेवल वोटिंग ऑफिसर्स घर-घर जाकर घर से ही वोट करने की सुविधा के बारे में जानकारी दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले चरण के लोकसभा क्षेत्रों में पांच अप्रैल से मतदान प्रक्रिया शुरू हो गई है और 14 अप्रैल तक चलेगी। वहीं, अगर किसी कारणवश पहले चरण में किसी मतदाता को घर से मतदान करने की सुविधा नहीं मिल पाती है, तो उसे दूसरे चरण यानी कि 15 और 16 अप्रैल को होम वोटिंग की सुविधा दी जाएगी।
किन्हें मिलती है होम वोटिंग की सुविधा?
राजस्थान में बीते दिनों विधानसभा आम चुनाव-2023 के दौरान यह नवाचार सफलतापूर्वक किया गया। होम वोटिंग का मतदान 99 प्रतिशत रहा था। करीब 61,424 मतदाताओं ने घर से मतदान किया था। इसमें 49,650 वरिष्ठ नागरिक (80 वर्ष से अधिक आयु) और 11,774 दिव्यांग शामिल थे। यह सुविधा विकल्प के रूप में है। लोकसभा चुनाव के लिए होम वोटिंग की सुविधा ऐसे मतदाताओं को मिलती है, जो 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों हों या 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता श्रेणी वाले हों।
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