जयपुर: हिजाब विवाद में अब रामायण की एंट्री हो गई है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना सज्जाद नोमानी ने जयपुर में एक कार्यक्रम में इसे लेकर विवादित बयान दिया है। मौलाना सज्जाद नोमानी ने कहा कि आज हमारे देश में बच्चियों को हिजाब पहनने से रोका जा रहा है जबकि पूरी दुनिया को हिजाब पहनना भारत ने सिखाया था। उन्होंने इसके लिए रामायण का सहारा लिया। मौलाना ने रामायण का जिक्र करते हुए कहा कि लक्ष्मण जी 14 साल तक वन में माता सीता के साथ रहे लेकिन इसके बावजूद भी वो उनका चेहरा नहीं देख पाए क्योंकि वो पर्दा में थी।
'हिजाब और पर्दा भारतीय संस्कृति का अटूट हिस्सा'
दरअसल, मौलाना जयपुर के ईदगाह में महिलाओं के एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। इस दौरान उन्होंने हिजाब को लेकर सरकार पर हमला बोला और साथ ही कहा कि ये हिजाब और पर्दा भारतीय संस्कृति का अटूट हिस्सा है।
जानिए मौलाना सज्जाद नोमानी ने क्या-क्या कहा
मौलाना ने कहा, ''अब इस मुल्क के अंदर हिजाब पहनने में मुश्किल पेश आ रही है। इस बात को नोट कीजिएगा दुनिया को हिजाब, दुनिया को पर्दा सबसे पहले भारत ने सिखाया है। जिस मुल्क ने दुनिया को हिजाब सिखाया था, उस देश के अंदर हमारी बच्चियों को परेशानी उठानी पड़े...अगर वो असली भारतीय संस्कृति की तरफ वापस जाना चाहे.. अगर वो पर्दा करना चाहे। अगर आपकी रामायण के किसी स्कॉलर से मुलाकात हो, आपके कॉलेज में संस्कृत के कोई प्रोफेसर हों, रामायण को पढ़ने वाले स्कॉलर आपको मिल जाएं या गूगल पर खुद सर्च कर देखो। रामायण का अंग्रेजी अनुवाद पढ़ें.. या हिंदी में पढें और उस चैप्टर को खोलें जिसमें सीता जी की वापसी के बाद जो जश्न मनाया जा रहा है.. खुशी मनाई जा रही है।''
'पर्दे की वजह से लक्ष्मण ने सीता का चेहरा नहीं देखा'
आगे उन्होंने कहा, ''इतनी लंबी जुदाई के बाद श्रीरामचंद्र जी और सीताजी का मिलन हो रहा है.. यकीनन ये खुशी की बात है। तो रामचंद्र जी के छोटे भाई लक्ष्मण से कहा जाता है कि इस खुशी के मौके पर अपनी भाभी सीताजी के गले में ये माला डालो.. ये बहुत खुशी का मौका है.. इसको हम एन्जॉय करेंगे सेलिब्रेट करेंगे.. वहां चबूतरा बना है। रामायण में लिखा है कि वहां 14 औरतें खड़ी थीं.. लक्ष्मण जी हार लेकर उन 14 महिलाओं के सामने सिर झुकाकर, निगाहें झुकाकर खड़े थे। लोगों ने कहा कि लक्ष्मण जी जल्दी कीजिए देर हो रही है.. अभी और भी कार्यक्रम है.. आप भाभी के गले में जल्दी से हार पहनाइए तो लक्ष्मण जी ने कहा कि मुझे बताइए कि इन महिलाओं में से मेरी भाभी कौन सी हैं। तो उनसे लोगों ने कहा कि अगर आप 14 साल जंगल में साथ रहे हैं और अभी तक आप अपनी भाभी को नहीं पहचानते। इस पर लक्ष्मण जी ने कहा मैंने कभी उनके चरणों के ऊपर देखा होता तो तब तो उनको पहचानता.. इससे बड़ा पर्दा और क्या है।''