Saturday, November 16, 2024
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हाथरस भगदड़ः नारायण साकार हरि बाबा का पेपर लीक माफिया से सामने आया कनेक्शन, जानें पूरा मामला

चार महीने बाद भी हर्षवर्धन के मकान में बाबा के दरबार का पूरा सेटअप लगा है। यहां टेंट और बाबा की गद्दी लगी है। पूरी बाउंड्री को टेंट से इस तरह से कवर किया गया है कि बाहर से कुछ भी नजर नहीं आता है।

Reported By : Manish Bhattacharya Edited By : Mangal Yadav Updated on: July 03, 2024 19:00 IST
इसी मकान में बाबा भोले लगाता था दरबार- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इसी मकान में बाबा भोले लगाता था दरबार

 दौसाः उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे में भरतपुर की एक महिला की भी मौत हो गई, जबकि 2 महिलाएं घायल हो गईं। खुद को नारायण (भगवान) का अवतार बताने वाले भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि बाबा का राजस्थान कनेक्शन भी सामने आया है। भोले बाबा दौसा में पेपर लीक माफिया हर्षवर्धन के मकान में हर 4 महीने में ​दरबार लगाता था।

हर्षवर्धन पटवारी है बाबा का भक्त

चार महीने पहले फरवरी 2024 में जब जेईएएन भर्ती परीक्षा-2020 के पेपर लीक के आरोपी हर्षवर्धन पटवारी को एसओजी ने पकड़ा तो नारायण हरि का ये दरबार सुर्खियों में आया। सामने आया कि जहां बाबा नारायण हरि ने अपना अस्थाई डेरा बना रखा था, वो मकान हर्षवर्धन का ही था। इसी दरबार की आड़ में हर्षवर्धन पेपरलीक का रैकेट चलाता था।

हर्षवर्धन का मकान जयपुर-आगरा हाईवे से महज 800 मीटर की दूरी पर है। बाबा ने ये मकान किराए पर लेकर इसका पूरा सेटअप आश्रम की तरह कर रखा था। जब यहां दरबार लगता है तो एक बोर्ड लगता है, जिस पर लिखा रहता है कि नारायण साकार हरि की संपूर्ण ब्रह्मांड में सदा-सदा के लिए जय-जयकार हो। 

स्थानीय लोगों ने बताई दरबार लगने की कहानी

कॉलोनी के लोगों से जब इस आश्रम के बारे में पूछा तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया। हालांकि उन्होंने पूरे दरबार की कहानी बताई। लोगों ने बताया कि बाबा हर 4 महीने में यहां आकर दरबार लगाते थे। बड़ी संख्या में गाड़ियों में भरकर उनके सेवक यहां पहुंचते थे। जब यहां दरबार लगता तो उनके अनुयायी यहां पर कड़ा पहरा देते थे। खास बात ये थी कि यहां हमेशा रात 9 बजे बाद ही दरबार लगाया जाता था। इस दरबार में हर्षवर्धन का भी आना-जाना लगा रहता था।

कॉलोनी के लोगों की आधार कार्ड से होती थी एंट्री

कॉलोनी के लोगों ने बताया कि जब नारायण हरि बाबा का दरबार लगता था तो उनके प्राइवेट गार्ड आश्रम के आस-पास और पूरे रास्ते में तैनात रहते थे। हाईवे से कॉलोनी में आने वाले रास्ते को भी बंद कर दिया जाता था। कॉलोनी के लोगों ने बताया कि जब नारायण हरि बाबा का दरबार लगता था तो उनके प्राइवेट गार्ड आश्रम के आस-पास और पूरे रास्ते में तैनात रहते थे। हाईवे से कॉलोनी में आने वाले रास्ते को भी बंद कर दिया जाता था। 

आश्रम के सामने ही गोविंददेवजी का मंदिर है, जिसका रास्ता भी बंद कर दिया जाता था। दरबार लगने के दौरान अनजान लोगों की कॉलोनी में एंट्री बंद कर दी जाती थी। बाबा के प्राइवेट गार्ड कॉलोनी के लोगों को भी आधार कार्ड देखकर कॉलोनी में जाने देते थे। इसके कारण काफी परेशानी होती थी। उन्होंने बताया कि 4 महीने पहले जब यहां एसओजी की रेड पड़ी तो पूरी कहानी समझ आई।

बाबा ने बना रखा था अस्थाई डेरा

स्थानीय लोगों ने बताया कि पांच साल से बाबा ने यहां अस्थाई डेरा बना रखा था। इसकी आड़ में हर्षवर्धन भी कई काम करता था। करीब एक साल पहले अट्टा बिजोरी के पास 20 बीघा के एरिया में बाबा ने दिव्य दरबार लगाया था। इस दिव्य दरबार में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे।

पेपर लीक मामले में हर्षवर्धन इसी साल हुआ था गिरफ्तार

पेपर लीक माफिया हर्षवर्धन को एसओजी ने फरवरी 2024 में गिरफ्तार किया था। जब उससे पूछताछ की तो उसने अपने जयपुर और दौसा के ठिकानों के बारे में भी बताया। उसके बताए एक ठिकाने में भोले बाबा का अस्थाई दरबार लगा था। एसओजी के एएसपी नरेन्द्र मीणा के नेतृत्व में टीम ने इस आश्रम में दबिश दी थी। यहां करीब 4 घंटे सर्च चला। इस सर्च में एसओजी को अलग-अलग परीक्षाओं की आंसर शीट के साथ कई डॉक्युमेंट भी मिले थे। इसके बाद इस बात की पुष्टि की गई कि इस आश्रम और दिव्य दरबार की आड़ में पेपर लीक माफिया अपना रैकेट चला रहा था। एसओजी की इस ​दबिश के बाद से बाबा अपने अनुयायियों के साथ यहां से फरार हो गया था।

हर्षवर्धन पर लगे हैं ये आरोप

हर्षवर्धन मीणा 15 सालों में पेपर लीक कर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के जरिए 500 से अधिक युवाओं को विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी दिला चुका है, जिसमें 20 लोग तो उसके परिवार के ही हैं। पुलिस ने जब हर्षवर्धन के जयपुर, दौसा और महवा समेत अन्य जमीनों के दस्तावेज जुटाए तो 5 करोड़ रुपए कीमत की बेनामी संपत्ति का पता चला।

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