जयपुर: आरक्षण की मांग को लेकर बयाना के पीलूपुरा से गुर्जरों का आंदोलन शुरू हो चुका है। आंदोलनकारियों द्वारा दिल्ली-मुंबई रेलवे लाइन को भी ब्लॉक कर दिया गया है। आंदोलनकारियों की पूरे राजस्थान में चक्का जाम करने की योजना है। अब सवाल यह उठता है कि रेलवे लाइन ब्लाक कर के क्या आरक्षण मिल जाएगा। क्या अपनी मांगों को लेकर कोई भी गुट बनाकर रेल लाइन ब्लाक कर सकता है। ऐसे में अब राज्य सरकार के इंतजामों पर सवाल उठ रहे है।
इससे पहले गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा रविवार से प्रस्तावित आंदोलन के बीच गुर्जर नेताओं के एक प्रतिनिधि मंडल ने शनिवार को सरकार के साथ वार्ता की थी। इस वार्ता में दोनों पक्षों में 14 बिंदुओं पर सहमति बनी थी। बैठक में शामिल हुए गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने बातचीत को सकारात्मक बताते हुए कहा था कि इससे समाज संतुष्ट होगा और उसे आंदोलन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
बैठक में हालांकि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला शामिल नहीं हुए थे। यहां सचिवालय में मंत्रिमंडलीय उपसमिति व गुर्जर नेताओं के प्रतिनिधि मंडल की लगभग सात घंटे चली बैठक के बाद रात में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में चिकित्सा मंत्री डा रघु शर्मा ने उन 14 बिंदुओं को पढ़कर सुनाया जिन पर सहमति बनी थी।
युवा मामले व खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना ने कहा था कि समझौते के बिंदुओं की पालना तुरंत प्रभाव से की जाएगी। वहीं गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने सरकार के साथ बातचीत को सकारात्मक बताते हुए कहा कि सरकार को इन बिंदुओं पर तय समय के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए ताकि गुर्जर समाज को आगे आंदोलन की राह नहीं पकड़नी पड़े।
उन्होंने कहा था कि समाज संतुष्ट होगा तो आगे आंदोलन नहीं होगा। बैठक में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला शामिल नहीं हुए। इस पर हिम्मत सिंह ने कहा कि अगर सरकार के साथ 14 बिंदुओं पर बनी सहमति से समाज संतुष्ट होता है तो बैंसला भी संतुष्ट होंगे।
उल्लेखनीय है कि बैंसला ने समाज के लोगों से एक नवंबर यानी आज रविवार को बयाना के पीलूपुरा पहुंचने को कहा था। इस बीच संभावित आंदोलन को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क है। कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गयी हैं तो गृह विभाग ने भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, टोंक, बूंदी, झालावाड़ व करौली जिले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया है।