जयपुर: गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के आह्वान पर गुर्जरों का आंदोलन शनिवार को सातवें दिन भी जारी रहा। वहीं, समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि आंदोलनकारियों की मांगें नहीं मानी गयीं तो नौ नवंबर से आंदोलन को तेज करते हुए राज्य भर में चक्काजाम किया जाएगा। सिंकदरा के बावनपाड़ा में गुर्जर समाज के नेताओं के साथ बैठक के बाद कर्नल बैंसला ने आंदोलन को तेज करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘‘नौ नवंबर से आंदोलन तेज किया जाएगा। अगर मांगे तत्काल नहीं मांगी गयीं, तो राज्य भर में चक्का जाम होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गुर्जरों की सबसे बड़ी मांग बैकलॉग भर्तियों को पूरा करना व आरक्षण आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी है। अगर सरकार हमारी मांगों पर सहमत है तो उसे लिखित में देना चाहिए।’’ उल्लेखनीय है कि बैंसला ने शुक्रवार को सरकार को आंदोलनकारियों की मांगें मानने के लिये 12 घंटे का अल्टीमेटम दिया था।
उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार मंत्री अशोक चांदना या किसी अन्य प्रतिनिधि को किसी पेशकश के साथ शनिवार तक उनके पास भेजे और जिस पर विचार के बाद आगे के आंदोलन पर फैसला किया जाएगा। हालांकि, शनिवार शाम तक सरकार की ओर से न तो चांदना और न ही कोई अन्य मंत्री गुर्जर नेताओं से मिला। भरतपुर के जिला कलेक्टर नथमल डिडेल और पुलिस अधिकारियों ने जरूर बैंसला से मुलाकात की।
गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कहा, ‘‘हमने सरकार के साथ धैर्य बनाए रखा है, लेकिन उसने कोई आश्वासन नहीं दिया। बैकलॉक भर्तियों को पूरा करना कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी शामिल था, लेकिन कुछ नहीं किया गया।’’ इस बीच, बयाना के गुर्जर बहुल 80 गांवों के प्रतिनिधियों में से एक दीवान शेरगढ़ ने कहा है कि कर्नल बैंसला को आंदोलन समाप्त करना चाहिए।
बयाना के व्यापारी भी इस आंदोलन से चिंतित हैं क्योंकि इसे सात दिन हो गये हैं। बयाना ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष जानकी प्रसाद ने कहा कि आंदोलन के कारण लोग बाजार में नहीं आ रहे हैं और व्यापार प्रभावित हो रहा है। वहीं गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के आह्वान पर गुर्जरों का आंदोलन शनिवार को सातवें दिन भी जारी रहा। इस आंदोलन के कारण पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में हिंडौन सिटी-बयाना रेल खंड पर यातायात अवरूद्ध है जिसकी वजह से पांच सवारी गाड़ियों का मार्ग बदला गया है।
आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलनकारी बयाना के पीलूपुरा के पास दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर पटरी पर बैठे हैं। गुर्जर अपनी छह मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है। इनकी मांगों में समझौते और चुनाव घोषणा पत्र के अनुसार बैकलॉग रिक्तियों को अधिसूचित करना, सभी प्रक्रियाधीन भर्तियों में पांच प्रतिशत आरक्षण व आरक्षण को संविधान की नौंवीं अनुसूची में शामिल करवाना शामिल है।