जयपुरः राजस्थान के उपमुख्यमंत्री डॉ.प्रेम चन्द बैरवा ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के मामले में कोई समझौता नहीं करेगी। डॉ.बैरवा शनिवार को विधानसभा में मांग संख्या-22 (उच्च शिक्षा विभाग) एवं मांग संख्या-24 (तकनीकी शिक्षा विभाग) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि विद्यार्थियों को सभी प्रकार की भौतिक एवं आर्थिक सुविधाएं उपलब्ध करवाकर उनके शिक्षा प्राप्ति के मार्ग की सभी बाधाएं दूर की जाए।
उपमुख्यमंत्री ने दी ये जानकारी
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्ता के मामले में हमारी सरकार किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी। इसके लिए राज्य सरकार सुविधाविहीन महाविद्यालयों को सुधारने के साथ नए कॉलेज खोलने का कार्य कर रही है। चर्चा के बाद सदन ने उच्च शिक्षा विभाग की करीब 27.41 अरब रूपये एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की 4.71 अरब रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का सकल नामांकन अनुपात राष्ट्रीय सकल नामांकन अनुपात से अधिक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का सकल नामांकन अनुपात 28.6 फीसदी है, जबकि यह राष्ट्रीय स्तर पर 28.4 प्रतिशत है।
27 नये महाविद्यालय खोलने की घोषणा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य उच्च शिक्षा क्षेत्र में सकल नामांकन अनुपात 2035 तक 50 प्रतिशत करना है। वर्तमान बजट में 14 सह शिक्षा महाविद्यालय, 10 कन्या महाविद्यालय, 3 कृषि महाविद्यालय को मिलाकर कुल 27 नये महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गयी है। आईआईटी की तर्ज पर अजमेर, बीकानेर एवं भरतपुर के राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालयों का उन्नयन कर राजस्थान प्रौद्योगिकी संस्थान में परिवर्तित किया जाएगा। मांगों पर चर्चा के दौरान अनेक विधायकों ने छात्र संघ चुनाव करवाने की मांग भी उठाई हालांकि बैरवा ने अपने जवाब में इसका जिक्र नहीं किया।
सदन ने चर्चा के बाद परिवहन विभाग की करीब 16.24 अरब की अनुदान मांगें भी ध्वनिमत से पारित कर दीं। बैरवा ने अपने जवाब में कहा कि राज्य सरकार ने परिवहन एवं सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में विभिन्न जनकल्याणकारी घोषणाएं कर आमजन को राहत प्रदान की है। राज्य सरकार लोगों को सड़क मार्ग का सफर सुरक्षित एवं सुगमतापूर्वक देने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है।
इनपुट-भाषा