जयपुर: राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा अब एक और नए विवाद में घिर गए है। डोटासरा ने अपने रिटायर समधी को ही भर्ती प्रकोष्ठ सलाहकार बनने का न्योता दिया है। प्रदेश में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद में भर्ती प्रकोष्ठ के लिए सलाहकार के पद पर लायक सिर्फ गोविंद सिंह डोटासरा के बेटे के ससुर ही नजर आते है। सलाहकार पद के लिए जो विज्ञप्ति जारी की गई है वो सिर्फ डोटासरा के समधी रमेश कुमार पूनिया के लिए निकाली गई है।
बता दें कि इससे पहले भी शिक्षक संगठनों ने आरोप लगाया था कि डोटासरा ने खुद के प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी पद पर कार्यरत अपने समधी को गलत तरह से पद्दोन्नत करवाया। शिक्षकों का आरोप था कि डोटासरा ने अपने समधी रमेश पूनिया को उप निदेशक पद पर पद्दोन्नत करवाने के लिए शिक्षा विभाग की डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी (डीपीसी) की बैठक दो दिन पहले ही करवा दिया। शिक्षामंत्री के प्रभाव के कारण शिक्षा विभाग ने 28 और 29 जुलाई को होने वाली डीपीसी की बैठक की तारीख दो दिन पहले 26 जुलाई को करने का प्रस्ताव राज्य लोकसेवा आयोग में भेजा था। आयोग ने भी दो दिन पहले का समय देते हुए पूनिया को पद्दोन्नत करने की प्रक्रिया पूरी करवा दी।
वहीं, आरएएस भर्ती परीक्षा 2018 (RAS Exam 2018) के रिजल्ट मामले में भी डोटासरा चौतरफा घिर गए थे। डोटासरा पर राजनीतिक पद का लाभ उठाते हुए अपने समधि के बेटे और बेटी को परीक्षा में अच्छे अंक दिलवाने का आरोप लगा था। इसे लेकर अजमेर के एडवोकेट देवेंद्र सिंह शेखावत ने डोटासरा, उनके समधि और बेटे-बेटी के खिलाफ न्यायालय में इस्तगासा पेश किया था। इस इस्तगासे में विभिन्न धाराओं के तहत आरोप बनने की बात कहते हुए वास्तविक लाभार्थी को लाभ दिलवाने की गुहार लगाई गई थी।
आश्चर्यजनक बात यह थी शिक्षा मंत्री डोटासरा की बहू के भाई गौरव और बहन प्रभा न केवल परीक्षा में पास हुए, बल्कि उन दोनों के नंबर भी बराबर आए। इन दोनों को परीक्षा में 80 प्रतिशत अंक मिले। इतना ही नहीं 5 साल पहले बहू प्रतिभा ने भी 80 प्रतिशत अंक लेकर ही यह परीक्षा पास की थी। शिक्षा मंत्री के रिश्तेदार इन भाई-बहन को बराबर नंबर मिलने की चर्चा जोरों पर थी और यह मुद्दा सोशल मीडिया पर भी छाया हुआ था।