Highlights
- गहलोत ने बीजेपी नेता राज्यवर्धन पर किया पलटवार
- मल्लिकार्जुन खरगे को राठौड़ ने बताया था रबर स्टांप
- भाजपा नेताओं को कांग्रेस पर पंचायत न करने की दी सलाह
Gehlot Attack On Rathod: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा सांसद राज्यवर्धन राठौड़ पर पलटवार किया है। उन्होंने राठौड़ के कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संबंध में दिए हुए बयान पर जवाब देते हुए कहा कि भाजपा नेताओं को बोलने से पहले इतिहास पढ़ना चाहिए। इसके साथ ही गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सलाह दी कि वह कांग्रेस की पंचायती करने के बजाय अपना घर संभालें।
खड़गे को रबर स्टांप बताने वाले बयान पर राज्यवर्धन राठौड़ को गहलोत ने फटकारा
राठौड़ ने बुधवार को कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष खरगे को 'रबर स्टांप' करार दिया था। इस बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा,‘‘इनको शर्म भी नहीं आती कि आप किसकी बात करते हो। ये नए-नए लड़के आ गए। वे समझते नहीं है कि वे पहले इतिहास पढ़ें। बोलना सीखें ताकि कम से कम उनकी छवि खराब नहीं हो। वरना इतिहास पढ़ने वाले लोग उनकी हंसी उड़ाते हैं। इनको कोई ज्ञान तो है नहीं। खरगे रबड़ स्टांप हो जाएंगे क्या हो जाएंगे रबड़ स्टांप? कल सोनिया गांधी खुद उनके घर गईं।’’
कांग्रेस के मामले में भाजपा ज्यादा पंचायती न करे
उन्होंने कहा आज देश में अगर सम्मान पाने वाला कोई नेता है, तो वह सोनिया गांधी हैं। भाजपा नेताओं द्वारा शुरू के 70 साल में देश में हुई प्रगति पर सवाल उठाए जाने पर गहलोत ने कहा कि यह कहना झूठ है कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ, क्योंकि जो कुछ हुआ 70 साल में ही हुआ, आजादी के वक्त देश में सुई नहीं बनती थी। कांग्रेस नेता ने कहा कि नई पीढ़ी को ये बातें मालूम नहीं हैं, इसलिए ये लोग उसे गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद में बड़ा दिल रखना चाहिए, नई पीढ़ी को समझाना चाहिए, अच्छी बात बतानी चाहिए, अच्छे संस्कार देने चाहिए व अच्छी परंपरा बनानी चाहिए, लेकिन ये उल्टा चल रहे हैं और वर्तमान पीढ़ी को बिगाड़ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वे लोग धर्म और जाति के नाम पर नई पीढ़ी को बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बारे में बयानबाजी करने से अच्छा है कि भाजपा अपना घर देखे। गहलोत ने कहा,'‘भाजपा से कहें अपना घर संभाले, ज्यादा पंचायती करना छोड़ दे। कांग्रेस की पंचायती नहीं करें वे। उनकी इतनी हैसियत नहीं है कि वे पंचायती करें।’’
RSS के कई नेताओं को बताया अंग्रेजों का मुखबिर
गहलोत ने RSS के कई नेताओं का जिक्र किया जिन्होंने कथित रूप से स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया और अंग्रेजों के लिए मुखबिरी की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के त्याग और बलिदान की कहानी तो आजादी से पहले की है। इससे पहले, यहां सवाई मानसिंह स्टेडियम में राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के समापन समारोह में गहलोत ने आलोचना व असहमति को लोकतंत्र का गहना करार दिया और कहा कि सत्ता में रहने वालों को इसे महत्व देना चाहिए। आलोचना व असहमति को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि यह बड़ा जरूरी है, तभी लोकतंत्र मजबूत बनेगा। प्रतिपक्ष नहीं होगा तो फिर लोकतंत्र कैसे होगा।