जयपुर/नई दिल्ली। राजस्थान में 14 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र से पहले सीएम अशोक गहलोत के अपने विधायकों को जयपुर से जैसलमेर के होटल में शिफ्ट किए जाने को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर निशाना साधा है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने ट्वीट में लिखा है कि 'जैसलमेर के होटल में बंद विधायकों के फोन टैपिंग, इंटरकॉम टैपिंग, होटल में मोबाईल जैमर लगाना...। गहलोत जी, इतना भय?!! इतना अविश्वास?!!'
राजस्थान का सियासी ड्रामा फिलहाल थमा हुआ है। हालांकि, इससे पहले राज्यपाल के साथ सीएम अशोक गहलोत का विवाद सामने आया फिर गहलोत ने हॉर्स ट्रेडिंग के रेट को लेकर बड़ा बयान दिया। बता दें कि, राजस्थान में मचे सियासी घमासान के बीच विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े ऑडियो टेप कांड में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत समेत 3 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। गजेंद्र सिंह शेखावत ने ऑडियो टेप पर सफाई देते हुए कहा था 'इस ऑडियो में मेरी आवाज नहीं है, मैं हर तरह की जांच के लिए तैयार हूं। एसओजी या कोई भी दूसरी एजेंसी के बुलाने पर मैं हर तरह का जवाब देने के लिए तैयार हूं।'
14 अगस्त से शुरू होगा विधानसभा का सत्र
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने 14 अगस्त से विधानसभा का सत्र बुलाए जाने की अनुमति दे दी है। बताया जा रहा है कि जैसै-जैसे राजस्थान में विधानसभा का सत्र नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे अशोक गहलोत को अपने विधायकों को एकजुट रखने की चिंता भी सता रही है। गहलोत कैंप 17 अगस्त तक बहुमत साबित कर सकता है। एक तरफ गहलोत कैंप में हलचल तेज है तो दूसरी ओर सचिन पायलट गुट भी एक्टिव हो गया है। सचिन पायलट के समर्थक विधायकों ने सरकार पर जैसलमेर रिजॉर्ट में रुके विधायकों के फोन टैप होने का आरोप लगाया है। बता दें कि सचिन पायलट गुट दावा कर चुका है कि वो विधानसभा सत्र में शामिल होने जयपुर आएंगे। वहीं 11 अगस्त को राजस्थान हाईकोर्ट बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय मामले में अपना फैसला सुनाएगा। बसपा के 6 विधायकों ने कांग्रेस में विलय किया था, जिसे खुद बसपा ने गलत करार दिया है।
पुलिस ने कहा: विधायकों व सांसदों की फोन टैपिंग नहीं की गई
जैसलमेर के एक होटल में रुके कुछ विधायकों की फोन टेपिंग की कथित सूची सोशल मीडिया पर आने के बाद राजस्थान पुलिस ने शुक्रवार दोपहर यह स्पष्ट किया है कि वह किसी भी जनप्रतिनिधि के फोन टेप नहीं कर रही है। पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार राजस्थान पुलिस की किसी भी यूनिट द्वारा किसी भी विधायक या सांसद की टेपिंग न तो पूर्व में की गई और न ही वर्तमान में की जा रही है। बयान में कहा गया है कि इन्टरकॉम से हुई बातचीत को रिकार्ड करने का आरोप भी मिथ्या व काल्पनिक है। राजस्थान पुलिस हमेशा आपराधिक कृत्य को रोकने का कार्य करती है और अवैधानिक टैपिंग एक आपराधिक कृत्य है।
मुख्यालय ने इस बारे में सोशल मीडिया पर प्रचारित सूचनाओं को भ्रामक बताया है। इसके अनुसार सोशल मीडिया पर सर्वथा आधारहीन, मिथ्या व भ्रम फैलाने की दृष्टि से एक तथाकथित सूचना प्रसारित की जा रही है कि जैसलमेर के सूर्यगढ़ पैलेस में ठहरे आधा दर्जन विधायकों के फोन अवैधानिक तरीके से टेप किये जा रहे है। इस मिथ्या सूचना को बल देने व भ्रम फैलाने के लिये एक टाईपशुदा सूची भी संलग्न कर प्रसारित की जा रही है। राजस्थान पुलिस ने आम जन से कतिपय शरारती तत्वों द्वारा दुर्भावनावश व निहित स्वार्थवश सोशल मीडिया के जरिये फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है। पुलिस द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि मिथ्या सूचनाओं का प्रसारण अवैधानिक है अतः आमजन को मिथ्या सूचनाओं के प्रसारण से बचने की सलाह दी गई है।