
मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ का उदयपुर में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। परिवार के लोगों ने बताया कि अरविंद सिंह मेवाड़ लंबे समय से बीमार थे और उदयपुर स्थित उनके आवास पर उनका इलाज किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि रविवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। वह भगवंत सिंह मेवाड़ और सुशीला कुमारी के पुत्र थे। उनके बड़े भाई महेंद्र सिंह मेवाड़ का पिछले साल नवंबर में निधन हो गया था। अरविंद सिंह के निधन से मेवाड़ में शोक की लहर है। वहीं सोमवार को राजघराने की परंपरा के अनुसार अरविंद सिंह मेवाड़ का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
अरविंद सिंह मेवाड़ का जीवन
बता दें कि अरविंद सिंह मेवाड़ ने अपनी स्कूली शिक्षा अजमेर के मशहूर मेयो कॉलेज से पूरी की। इसके बाद उन्होंने उदयपुर के महाराणा भूपाल कॉलेज से कला में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। अरविंद सिंह मेवाड़ ने होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई यूके के सेंट एल्बंस मेट्रोपॉलिटन कॉलेज से की थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ समय तक अमेरिका में नौकरी भी की। वह एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक भी थे। इसके अलावा वह कई ट्रस्टों के अध्यक्ष भी थे। इनमें महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन ट्रस्ट, महाराणा मेवाड़ ऐतिहासिक प्रकाश ट्रस्ट और राजमाता गुलाब कुंवर चेरिटेबल ट्रस्ट शामिल हैं।
सोमवार को होगा अंतिम संस्कार
अरविंद सिंह मेवाड़ सामाजिक कार्यों में काफी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। अरविंद सिंह मेवाड़ के निधन से एक युग का अंत हो गया है। वह एक विद्वान, कुशल प्रशासक और समाजसेवी थे। उनका अंतिम संस्कार पारंपरिक रीति-रिवाजों के मुताबिक सोमवार को किया जाएगा। परिवार ने उनके निधन की जानकारी साझा की, जिसके बाद से लोगों में काफी शोक व्याप्त है।
क्या है पारिवारिक विवाद
उनके पिता भगवंत सिंह मेवाड़ की मृत्यु के बाद से, मेवाड़ घराने के नेतृत्व और संपत्ति को लेकर उनके वंशजों के बीच संघर्ष और मतभेद रहे। दरअसल भगवंत सिंह ने एक ट्रस्ट के माध्यम से अपनी संपत्ति अरविंद को दे दी थी, उन्हें अपना उत्तराधिकारी नामित किया था और अपने सबसे बड़े बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ को विरासत से वंचित कर दिया, क्योंकि उन्होंने उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया था। वर्ष 1984 में अपने पिता की मृत्यु के बाद अरविंद ने घर का नेतृत्व संभाला। लेकिन बड़े बेटे होने के नाते महेंद्र सिंह मेवाड़ को परिवार के नाममात्र के मुखिया के रूप में ताज पहनाया गया।
महेंद्र सिंह मेवाड़ का पिछले साल नवंबर में निधन हो गया और उनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़, जो भाजपा के विधायक भी हैं को परिवार का नाममात्र का मुखिया बनाया गया। विवाद तब शुरू हुआ जब विश्वराज सिंह को उनके चचेरे भाई और अरविंद सिंह मेवाड़ के बेटे लक्ष्यराज सिंह ने उदयपुर के सिटी पैलेस में अनुष्ठान पूरा करने के लिए प्रवेश नहीं करने दिया। हालांकि, बाद में गतिरोध तब खत्म हुआ जब भाजपा विधायक विश्वराज सिंह को आखिरकार सिटी पैलेस में प्रवेश करने की अनुमति दी गई ताकि वे देवता की पूजा करने के लिए 'धूनी' (पवित्र अग्नि) पर जा सकें। बता दें कि उदयपुर सिटी पैलेस रविवार और सोमवार को पर्यटकों के लिए बंद रहेगा।
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