अलवरः वन विभाग के लिए पहेली बना पैंथर को पकड़ने के लिए तीन पिंजरे लगाए गए हैं। अब पैंथर को पकड़ने के लिए जाल में बकरे को बांधा गया है। दिन में ड्रोन के जरिए भी मॉनिटरिंग की जा रही है। जानकारी के अनुसार, पैंथर जाल के पास तक आया लेकिन शिकार नहीं किया और चला गया।
पैंथर के पैरों के निशान भी देखे गए
पैंथर का मूवमेंट राज ऋषि कॉलेज की 50 हेक्टेयर के जंगल के अलावा कृषि भूमि और फूल बाग पैलेस के आसपास भी देखा गया है। यहां पर उसके पैरों के निशान भी देखे गए हैं। डीएफओ राजेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया पैंथर ने अभी शिकार किया हुआ है और उसका पेट भरा हुआ है। देर शाम को लगाए गए पिंजौर के आसपास उसकी चहल कदमी देखी गई। देर रात पिंजरे के पास पैंथर की तस्वीर मिली। जिसमें पैंथर जाल के बगल में टहलता हुआ नजर आया।
छह दिन से पैंथर को पकड़ने की हो रही कोशिश
राजेंद्र सिंह ने बताया कि आज 6 दिन पूरे हो चुके हैं। पैंथर का मूवमेंट जंगल के अंदर और जंगल के बाहर साफ-साफ दिख रहा है। ड्रोन कैमरे में भी पैंथर के पैरों के निशाना मिले हैं। सरिस्का बफर जोन के रेंजर शंकर सिंह शेखावत लगातार मॉनीटरिंग कर रहे हैं। वहीं दिन और रात में रेंजर सतीश सिंह नरूका मॉनिटरिंग करते हैं। पूरे जंगल को गश्त किया जा रहा है।
जल्द ही पैंथर को पकड़ने का दावा
डीएफओ ने बताया कि जल्द ही खाई खुदवा कर एक एरिया को कवर्ड किया जाएगा। जिससे पैंथर का मूवमेंट शांतिकुंज और ईटाराना सैनिक छावनी की ओर न हो। सदर के फॉरेस्टर भीम सिंह ने बताया 2 दिन से लगातार पैंथर पिंजरे के पास आकर बैठ रहा है। जब भूख लगेगी तो अवश्य रूप से वह पिंजरे में कैद हो जाएगा। वहीं शहर के सबसे प्रसिद्ध जय कृष्णा क्लब ने अपने सभी आने वाले सदस्यों को आगामी आदेश तक वाकिंग ट्रैक पर जाने से मना किया हुआ है।
(अलवर से स्वदेश कपिल की रिपोर्ट)