अलवरः दुष्कर्म के मामले में सजा काट रहे अलवर के फलाहारी बाबा को हाई कोर्ट से 20 दिन की पैरोल मिली है। आश्रम के महाराज सुदर्शनाचार्य ने बताया कि फलाहारी महाराज स्वस्थ हैं। वो किसी से मिलना और बात करना नहीं चाहते हैं। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने किसी से कोई बात नहीं की। सीधे एकांतवास में चले गए। उन्होंने कहा कि वह अकेले शांति से रहना चाहते हैं। जेल में उनको बेहतर माहौल मिला और न्यायालय पर उनके भरोसा है।
40 साल से फल खाकर जीवित हैं फलाहारी बाबा
मिली जानकारी के अनुसार, फलाहारी बाबा जब से वे जेल गए हैं तब से अभी तक वे मौन हैं। फलाहारी महाराज के शिष्य सुदर्शनाचार्य ने बताया कि वह 40 साल से फल खाकर जीवित हैं। अब भी वह फल और दूध लेते हैं। जेल में गंगाजल पीते थे।
क्या है पूरा मामला
11 सितंबर 2017 को छत्तीसगढ़ की बिलासपुर की रहने वाली 21 वर्षीय पीड़िता ने बाबा के खिलाफ रेप का आरोप लगाया था। इस पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज करने के बाद पीड़िता का मेडिकल और 164 के बयान दर्ज किया। उसके बाद रिपोर्ट तैयार करके अलवर पुलिस को भेज दी। अलवर के अरावली विहार थाने में पुलिस ने मामला दर्ज किया। 9 मार्च 2018 को दुष्कर्म पीड़िता के बयान दर्ज हुए। 15 दिसंबर 2017 को 84 दिन बाद पुलिस ने कोर्ट में 40 पन्नों की चार्ज सीट फाइल की।
कोर्ट ने सुनाई थी उम्रकैद की सजा
8 महीने तक इस मामले की सुनवाई चली। स्थानीय न्यायालय ने फलाहारी बाबा को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई। तब से फलाहारी बाबा अलवर के सेंट्रल जेल में बंद थे। अब वे जेल से बाहर आ गए हैं लेकिन किसी से बात नहीं कर रहे हैं। एकांतवास में वे किस जगह पर रह रहे हैं उसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।
रिपोर्ट- स्वदेश कपिल