जयपुर: राजस्थान के कोटा की अपनी यात्रा रद्द करने के लिए भाजपा के पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को धन्यवाद दिया है। यहां उन्हें बहुचर्चित चंबल रिवरफ्रंट का उद्घाटन करना था। इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन मंगलवार को धूमधाम से होना था, लेकिन गहलोत ने एक दिन पहले ही अपना दौरा रद्द कर दिया। मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में गुंजल ने दावा किया कि सरकार ने स्वीकार कर लिया है कि रिवरफ्रंट का निर्माण नियमों के खिलाफ था। उन्होंने कहा, ''सोमवार को मैंने मुख्यमंत्री को बताया कि रिवरफ्रंट के निर्माण में कानून का उल्लंघन किया गया है।''
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार आधी रात 2:28 बजे एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था, ''12-13 सितंबर को कोटा के लोकार्पण मेरे द्वारा प्रस्तावित थे जिसका मैं बेसब्री से इंतजार कर रहा था परन्तु अपरिहार्य कारणों से मैं 12 सितंबर के कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो पाऊंगा। 13 सितंबर के कार्यक्रम यथावत रहेंगे। सभी हाड़ौतीवासियों को बधाई।'' उनके इस ट्वीट ने हर किसी को हैरान कर दिया था। क्योंकि कोटा रिवर फ्रंट के कार्यक्रम के तहत सीएम सहित पूरी सरकार का दोनों दिन कोटा में ही रहने का कार्यक्रम था, लेकिन कार्यक्रम से एक रात पहले सीएम ने अचानक दौरा रद्द कर दिया था।
आधी रात को खंगाली फाइलें
सूत्रों के मुताबिक कार्यक्रम से ठीक एक दिन पहले आला सरकारी मशीनरी हरकत में आ गई। रिवर फ्रंट को लेकर वाइल्ड लाइफ एक्ट सहित तमाम मामलों को लेकर मिली स्वीकृतियों और लंबित स्वीकृतियों को लेकर बैठकों के दौर शुरू हो गए। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बारीकी से एक-एक कागज देखे जा रहे थे। एनजीटी, सेंचुरी को लेकर नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ की स्टैंडिंग कमेटी की गाइडलाइन, सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के डिसीजन और इको सेंसिटिव जोन आदि को लेकर हर लाइन पर चर्चा हो रही थी।
पता किया जा रहा था कि किन-किन निर्माण कार्यों की अनुमति मिल गई थी और किसकी लंबित या प्रक्रिया में चल रही हैं। आला अधिकारियों के बीच आधी रात तक चले बैठकों के दौर के बाद आखिरकार कुछ मामलों में चूक की आशंका नजर आई। इसके बाद आधी रात को तय हुआ कि सीएम गहलोत का जाना उचित नहीं है क्योंकि कोई विवाद खड़ा हो सकता है। चुनाव सामने है और कोई विपक्ष इसको मुद्दा बना सकता है इसीलिए सीएम गहलोत ने कोटा का दौरा टाल दिया।
पूर्व BJP विधायक ने किया ये दावा
वहीं, पूर्व विधायक गुंजल ने दावा किया है कि जब मुख्यमंत्री ने राज्य के शीर्ष अधिकारियों को बुलाया और कागजात की जांच की, तो उनकी बात सच निकली, तब मुख्यमंत्री और सरकार ने स्वीकार किया कि कहीं न कहीं गलती हुई है और मुख्यमंत्री ने अपना दौरा रद्द कर दिया। गुंजल ने कहा कि केवल दौरा रद्द करने से शहरी विकास न्यास अपने दोषों से मुक्त नहीं हो जाता। उन्होंने कहा, ''इस पूरे प्रकरण में शामिल सभी अधिकारियों और मंत्रियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि ऐसा दोबारा न हो। उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि 1500 करोड़ रुपये का सरकारी धन बर्बाद किया गया है और यह सारा खर्च सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, वन्य जीव निकाय आदि के नियमों की अनदेखी करते हुए किया गया है। यह सब सरकारी स्तर पर हुआ है।''
'रिवरफ्रंट डेवलपमेंट के नाम पर लिया करोड़ों का कमीशन'
गुंजल ने कहा कि वह पिछले तीन साल से यही कह रहे हैं कि रिवर फ्रंट का निर्माण अवैध है। उन्होंने यह भी कहा कि चंबल रिवरफ्रंट निर्माण के शुरू से लेकर पूरा होने तक के सभी टेंडरों की पूरी फाइल तलब कर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार की जांच होनी चाहिए। बीजेपी नेता ने कहा कि रिवरफ्रंट डेवलपमेंट के नाम पर करोड़ों रुपये का कमीशन लिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर अभी जांच नहीं हुई तो हमारी सरकार आने पर इसकी जांच कराई जायेगी और दोषी अधिकारियों को जेल जाना होगा।
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