राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर सभी पार्टियों ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। कांग्रेस जहां रिवाज को तोड़कर सत्ता में बने रहना चाहती है, वहीं बीजेपी राजस्थान में कमल खिलाने की जद्दोजहद कर रही है। इन सबके बीच राजस्थान से एक बड़ी खबर आ रही है। कुछ समय पहले विधानसभा में 'लाल डायरी' दिखाकर सियासी भूचाल लाने वाले गहलोत सरकार के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कांग्रेस का साथ छोड़कर शिवसेना का दामन थाम लिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसका ऐलान किया है।
"...तो राज्य का विकास नहीं होता"
सीएम शिंदे ने राजेंद्र सिंह गुढ़ा को शिवसेना में शामिल कराया। राजस्थान में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, "हमारी महाराष्ट्र की सरकार विकास कार्य कर रही है, यहां भी विकास के कई द्वार हैं, लेकिन कुछ लोगों का निजी स्वार्थ है। राज्य की जनता का विकास छोड़कर जब लोग खुद का विकास करने लगते हैं तो राज्य का विकास नहीं होता है। इस राज्य में बहुत क्षमता है।"
राजेंद्र गुढ़ा के विवादित बयान
बता दें कि राजेंद्र गुढ़ा अपने दिए गए विवादित बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही में राजेंद्र गुढ़ा ने एक और विवादित बयान दिया। उदयपुरवाटी बस स्टैंड पर जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए राजेंद्र गुढ़ा ने अपनी जाति से वोट लेने को नपुंसकता दूसरी जाति के वोट लेने को मर्दानगी बता दिया। साथ ही उन्होंने ये दावा भी किया कि 20-25 दिन में आचार संहिता लग जाएगी। उन्होंने कहा कि उसके बाद मैं ही वापस आऊंगा। राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि दूसरों की सहायता करना मेरा स्वभाव और कमजोरी दोनों है। उन्होंने कहा कि मैनें गहलोत सरकार की सहायता की। बता दें कि राजेंद्र गुढ़ा इससे पहले दो बार बीएसपी से जीतकर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।