राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मतभेद जो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सुलझते दिख रहे थे, एक बार फिर खुलकर सामने आने लगे हैं। गुरुवार को कर्मचारी संगठनों के साथ सीएम गहलोत की बजट पूर्व बातचीत का वीडियो सामने आया, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता पायलट का नाम लिए बगैर जूनियर पार्टी सहयोगी की तुलना 'कोरोना' से कर दी।
'बड़ा कोरोना आ गया'
बुधवार को बातचीत के दौरान जब संविदा कर्मचारियों के नेता शमशेर खान ने मुख्यमंत्री से किसी से न मिलने की शिकायत की तो गहलोत ने टोकते हुए कहा, ''आप सही कह रहे हैं..पर अब मिलना शुरू हो गया है, पिछले सोमवार को मिला था। हुआ ये था कि हमारी पार्टी के अंदर कोरोना पहले आया और फिर बड़ा 'कोरोना' आ गया।
एक बुरा समय था
उन्होंने कहा, कभी उपचुनाव तो कभी राज्यसभा चुनाव। राज्यसभा चुनाव में भी कहीं वोट डाले जा रहे थे और हम अलग-अलग जगहों पर थे। यह एक बुरा समय था। जो वक्त गुजरा.. कुछ और ही अंदाज में। इसके बावजूद आपके सहयोग, आशीर्वाद, समर्थन से हम ऐसी अद्भुत योजनाएं लेकर आए हैं, जिससे सब कुछ कवर हो गया है। अगर हमारा बजट अच्छा नहीं होता तो आप और मैं वह नहीं कर पाते जिसकी हम बात कर रहे हैं।
आपको समय बता दूंगा
मुख्यमंत्री ने कर्मचारी नेताओं से कहा, चार साल में जो नुकसान हुआ है, वह हमारा ही हुआ है, जिस तरह से दिन खराब हुए हैं, तीन बार मुझे कोरोना हुआ। मैं आपकी शिकायत से सहमत हूं। अब, मैं मिल रहा हूं.. सोमवार को मिलते हैं और अगर मैं जरूरी काम से बाहर जाता हूं तो आपको समय बता दूंगा।
पायलट ने गहलोत पर साधा था निशाना
उल्लेखनीय है कि पायलट किसान सम्मेलनों के जरिए पेपर लीक को लेकर सरकार पर हमलावर हैं। पायलट ने बुधवार को झुंझुनूं के गुढ़ा में पेपर लीक मामले में अधिकारियों-राजनेताओं को सीएम की क्लीन चिट पर सवाल उठाया था। पायलट ने कहा, जब कोई नेता या अधिकारी जिम्मेदार नहीं है तो तिजोरी से कागज कैसे निकला..जादू टोना था, कोई तो जिम्मेदार होगा?