शनिवार रात राजस्थान के सीकर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 3.9 मैग्नीट्यूड रही। इस साल यह दूसरा मौका है, जब राजस्थान की धरती कांपी है। इससे पहले अप्रैल के महीने में पाली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रात में 1 बजकर 29 मिनट पर धरती हिली थी। हालांकि, इस भूकंप में किसी भी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ था। शनिवार रात आए भूकंप में भी किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार शनिवार रात 11 बजकर 47 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए।
भूकंप की तीव्रता मापने के लिए सिस्मोलॉजी का उपयोग किया जाता है। सिस्मोग्राफ में भूकंप की तीव्रता जितना ज्यादा होती है, नुकसान का खतरा उतना ज्यादा रहता है। भूकंप के झटकों की तीव्रता को नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी 12 स्तर पर मापता है। इनमें से शुरुआती पांच स्तर का भूकंप ज्यादा खतरनाक नहीं माना जाता, लेकिन इससे ज्यादा तीव्रता होने पर जान-माल के खतरे की आशंका बढ़ जाती है।
किस मैग्नीट्यूड का भूकंप खतरनाक?
आमतौर पर 6-7 मैग्नीट्यूड की तीव्रता का भूकंप खतरनाक माना जाता है। अगर ज्यादा जनसंख्या वाले इलाके में इस तेजी का भूकंप आता है तो जान-माल का नुकसान हो सकता है। इससे ज्यादा तेजी का भूकंप बेहद खतरनाक हो सकता है। इससे इमारतों के फटने या उनमें दरार पड़ने और कई बार गिरने का भी खतरा रहता है। इससे ज्यादा तेजी वाले भूकंप भी बेहद खतरनाक माने जाते हैं।
क्यों आते हैं भूकंप?
हाल के दिनों में देश-दुनिया के कई इलाकों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है। दरअसल, हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती पर भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं।