Highlights
- इंडिया टीवी-मैटराइज सर्वे में राजस्थान में बीजेपी की सरकार
- 34 हजार लोगों के बीच जा कर किया गया सर्वे
- मध्यप्रदेश की जनता इस बार भी BJP पर मेहरबान
Desh Ki Awaaz: राजस्थान में अशोक गहलोत की अगुवाई में तमाम हिचकोलों के बावजूद कांग्रेस की सरकार अब तक मजबूती से टिकी हुई है। हालांकि इंडिया टीवी-मैटराइज सर्वे के मुताबिक, यदि आज लोकसभा चुनाव होते हैं तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भारी निराशा का सामना करना पड़ सकता है। 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बीजेपी से सत्ता छीन ली थी, हालांकि 2019 के लोकसभा चुनावों में उसका सूपड़ा साफ हो गया था। आज राजस्थान में लोकसभा चुनाव होने की सूरत में क्या हाल होगा, आइए जानते हैं:
बीजेपी का वोट प्रतिशत घटेगा
इंडिया टीवी-मैटराइज सर्वे के मुताबिक, यदि आज लोकसभा चुनाव होते हैं तो बीजेपी को 59 फीसदी वोट मिल सकते हैं। 2019 में हुए पिछले लोकसभा चुनावों में बीजेपी को 61 फीसदी वोट मिले थे। इस तरह देखा जाए तो पिछले चुनावों के मुकाबले बीजेपी को नुकसान होता हुआ दिख रहा है। वहीं, कांग्रेस की बात करें तो 2019 में जहां उसे 35 फीसदी वोट मिले थे, वहीं आज चुनाव होने की दशा में उसे 36 फीसदी वोट मिल सकते हैं। ऐसे में आज चुनाव होने पर पिछले चुनावों के मुकाबले कांग्रेस को एक फीसदी वोट ज्यादा मिल सकता है।
सीटों पर नहीं पड़ेगा कोई अंतर
आज लोकसभा चुनाव होने की सूरत में कांग्रेस को भले ही वोट प्रतिशत में फायदा और बीजेपी को नुकसान हो, लेकिन सीटों की संख्या में कोई अंतर होता हुआ नहीं दिख रहा है। बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में सूबे की 25 में से 25 सीटें जीती थीं और अगर आज की तारीख में चुनाव होते हैं तो भी बीजेपी सभी 25 सीटों पर कब्जा जमा सकती है। पिछले 3 साल से भी ज्यादा समय से सूबे की सत्ता में काबिज कांग्रेस के लिए सर्वे के ये नतीजे किसी झटके से कम नहीं हैं। सर्वे के नतीजे बताते हैं कि राजस्थान में आज भी मोदी का मैजिक बरकरार है।
इंडिया टीवी-मैटराइज सर्वे की मेथडॉलॉजी
इंडिया टीवी-मैटराइज सर्वे 11 जुलाई से 24 जुलाई के बीच किया गया। इस दौरान सर्वे की टीम देश की 136 संसदीय सीटों तक पहुंची और हर वर्ग के लोगों की राय जानी। इस सर्वे में कुल मिलाकर 34 हजार लोगों को शामिल किया गया जिनमें से 20 हजार पुरुष और 15 हजार महिलाएं थीं। इस सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर माइनस/प्लस टू रखा गया है यानी कि नतीजों में 2 पर्सेंट इधर से उधर का अंतर हो सकता है। इतने बड़े पैमाने पर हुआ यह सर्वे काफी हद तक जमीनी हकीकत के बारे में बता सकता है।