नई दिल्ली: 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों का चुनाव होना है। कांग्रेस के लिए इनमें कुर्सी बचाने सबसे बड़ी लड़ाई राजस्थान की है। महाराष्ट्र और कर्नाटक बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र और राजस्थान को लेकर अपना ट्रंप कार्ड चल दिया है। विकास की रफ्तार और रफ्तार से विकास के जिस मॉडल की मोदी चर्चा करते है। आज दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे के पहले फेज का लोकार्पण करके उसकी झलक दिखा दी। आज एक्सप्रेस-वे के जिस फेज को खोला गया है उससे दिल्ली से जयपुर जाने में अब आधा वक्त लगेगा। 2024 से पहले एक्सप्रेस-वे के बाकी दोनो फेज भी खोल दिए जाएंगे। बीजेपी एक्सप्रेस-वे के जरिए जनता के वोटों पर अपना दबदबा बनाने में जुटी है।
गुटबाजी को खत्म करने में लगी बीजेपी
राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें हैं और महाराष्ट्र में 48 सीटें हैं। इस बीच आज राजस्थान और महाराष्ट्र के लिए दो और बड़ी खबरें आईं। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी हटा दिए गए और रमेश बैस को उनकी जगह राजभवन भेज दिया गया। राजस्थान के कद्दावर नेता गुलाब चंद कटारिया को भी राज्य की राजनीति से दूर कर दिया गया है। गुलाब चंद कटारिया 9 बार विधायक रहे, कई बार मंत्री रहे और वसुंधरा राजे के धुर विरोधी माने जाते हैं। वो मुख्यमंत्री की रेस में भी थे। इस फैसले के बाद सीएम की कुर्सी का एक दावेदार मोदी सरकार ने कम कर दिया है। बीजेपी गुटबाजी को खत्म करने में लगी है तो दूसरी तरफ राजस्थान कांग्रेस का गृहयुद्ध खत्म नहीं हो पा रहा है।
पूर्वी राजस्थान में मोदी के भरोसे बीजेपी?
वहीं, आज एक्सप्रेस-वे का उद्धाटन करने दौसा के धनावड़ आए पीएम मोदी ने राजस्थान में बीजेपी की सबसे कमजोर कड़ी को जोड़ने का प्रयास किया। उद्घाटन के तय कार्यक्रम के बाद वे पार्टी की ओर से तय की गई सभा को भी संबोधित किया। सभा दौसा में हुई, लेकिन आसपास के 8 जिलों में इसका असर पहुंचाने के लिए बीजेपी की ओर से भीड़ जुटाने का जोरदार प्रयास हुआ। बीजेपी चाहती है कि मोदी के जरिए पूर्वी राजस्थान के सभी 8 जिलों में चुनावी मैसेज पहुंचाया जा सके। प्रधानमंत्री मोदी ने आज मंच से कई बड़ी बातें कहीं। OBC से लेकर तमाम जातियों के नाम और उनके लिए किए जा रहे काम गिनाए। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर लटकाने और भटकाने का आरोप लगाया। पीएम ने ये कहते हुए वोट भी मांग लिया कि कांग्रेस, बीजेपी के काम को रोकती है।
बीजेपी के लिए कमजोर कड़ी क्यों है पूर्वी राजस्थान?
मीणा-गुर्जर, एससी और ओबीसी बहुल पूर्वी राजस्थान में दौसा, करौली, भरतपुर, टोंक, जयपुर, अलवर, सवाई माधोपुर, धौलपुर जिले की 58 विधानसभा सीटें आती हैं। 2013 के चुनाव में इन 8 जिलों में भाजपा ने 44 सीटें जीती थीं, लेकिन 2018 के चुनाव में उसे सिर्फ 11 सीटों पर ही जीत मिल सकी और 2013 के मुकाबले 33 सीटें गंवा दी। जयपुर और भरतपुर संभाग में बुरी तरह हार के कारण ही पार्टी ने सरकार खोई। जातिगत और सियासी समीकरणों के हिसाब से पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस के अलावा बसपा का भी प्रभाव है। इस बार बीजेपी की रणनीति है कि इन 8 जिलों में फिर से 2013 का इतिहास दोहराया जाए। इसी वजह से मोदी की सभा यहां करवाई गई है।
अब दिल्ली से सिर्फ साढ़े 3 घंटे में पहुंचे जयपुर
पीएम मोदी ने आज दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड को राष्ट्र को समर्पित किया है। सोहना और दौसा के बीच की दूरी 246 किलोमीटर है, जबकि भारत के दो प्रमुख शहरों को जोड़ने वाला पूरा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे 1,380 किलोमीटर लंबा है। 6 राज्यों से गुजरने वाला ये एक्सप्रेस वे मार्च 2024 तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा। अभी तक दिल्ली से जयपुर तक के सफर में लगभग 5 घंटे लगते थे अब यह समय घटकर लगभग साढ़े 3 घंटे का हो जाएगा।