राजस्थान में बढ़ते अपराधों पर एक तरफ़ डीजीपी प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर रहे थे और प्रदेश में अपराधों के गिरते ग्राफ़ को दर्शा रहे थे, लेकिन इस बीच दो ऐसी खबरें आईं जिसने क़ानून व्यवस्था को लेकर प्रशासन के दावों की हवा निकाल दी। पहला मामला राजस्थान के नागौर के कुचामन में संत मोहनदास की हत्या का दूसरा जयपुर में काली मंदिर के पुजारी पर हमले का। इन दोनों ही मामलो में आरोपी फ़रार हैं। जयपुर के आदर्श नगर इलाक़े में काली मंदिर के महंत पर जानलेवा हमला हुआ है। पीड़ित महंत ने थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी है।
क्या था मामला
महंत महेशपुरी ने बताया की वो मंदिर में बैठे थे कि अचानक वहां दो नक़ाबपोश आ गए और उनपर लाठी डंडों से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। बदमाशों ने महंत के पीठ-पसलियों पर जमकर लात-घूंसे मारे हैं। इसके बाद उनके सिर पर डंडे से भी वार किया, जिसके बाद वे बेहोश हो गए। इसके बाद बदमाश मौका से फरार हो गए हैं। इस हमले में उन्हें काफी चोटें आईं हैं। लोगों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। महंत को काफी अंदरूनी चोटें आईं हैं। साथ ही उनके सिर पर भी गंभीर चोट है।
सीसीटीवी के जरिए जुटाई जा रही जानकारी
महंत ने बताया की उनको नहीं पता की आख़िर वो लोग कौन थे और उनको बुरी तरह से क्यों पीटा गया, पुजारी ने बताया की मामला दर्ज करा दिया गया है। वहीं मामले के जांच अधिकारी हरवंश सिंह ने बताया की मामला दर्ज कर लिया गया है और आसपास के सीसीटीवी के जरिए पूरे मामले की जानकारी जुटाई जा रही है।
इससे पहले राजस्थान के नागौर के कुचामन में संत मोहनदास की हत्या कर दी गई थी। जिसके हत्यारों तक पुलिस अभी भी नहीं पहुंच सकी है। अब इस तरह के मामलों ने पुलिस पर सवाल उठा दिए हैं कि पुलिस हत्यारों तक क्यों नहीं पहुंच पा रही है।
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