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भारत में करप्शन कैंसर की तरह फैल रहा, युवाओं को भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए आगे आना चाहिएः हाई कोर्ट

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और राजस्थान सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता एवं महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने सहमति जताई कि पिछले 5 साल में जितने टेंडर जारी किए गए हैं उन सब की गहन जांच की जाएगी और जो भी अपराधी पाए जाएंगे उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।

Reported By : Manish Bhattacharya Edited By : Mangal Yadav Updated on: September 18, 2024 16:24 IST
राजस्थान हाई कोर्ट - India TV Hindi
Image Source : PTI राजस्थान हाई कोर्ट

जयपुरः भारत में करप्शन कैंसर की तरह फैल रहा है। इसलिए युवाओं को भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए आगे आना चाहिए। यह टिप्पणी राजस्थान हाई कोर्ट के न्यायाधीश अशोक कुमार जैन ने एक फौजदारी याचिका पर बहस सुनते हुए की।  याचिकाकर्ता डॉक्टर टी एन शर्मा के अधिवक्ता पूनम चंद भंडारी ने कोर्ट में बहस करके बताया कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में हजारों करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार है। हमने दस्तावेजों सहित कई शिकायतें की हैं लेकिन बड़े-बड़े अधिकारियों की मिलीभगत होने कारण कार्रवाई नहीं हो रही हैं।

क्या है पूरा मामला

शिकायतकर्ता के अनुसार, वर्तमान प्रकरण में आरोपी कुलदीप राजनेट प्रोजेक्ट का ऑफिसर इन चार्ज रहा है। जहां जमकर भ्रष्टाचार हुआ है, उसके अंतर्गत 17750 वाईफाई प्वाइंट के कार्य आदेश दिए जबकि 2020 तक केवल 1750 लगाएं गए थे। उन्होंने कहा कि एक प्रकरण में इस विभाग के अधिकारी से  उसके कार्यालय की अलमारी में सोना और ढाई करोड़ रुपये बराबद हुआ था। शिकायतकर्ता की तरफ से बहस करते हुए कहा गया कि रंगे हाथों पकड़े जाने के बावजूद सरकार के द्वारा अभियोजन स्वीकृति नहीं देने पर और जांच अधिकारियों की मिलीभगत होने कारण प्रकरण में कारवाइयां नहीं होती है और अपराधी बच जाते हैं। इस विभाग में जितने भी टेंडर जारी किए गए हैं। उन सब में घोटाले हुए हैं। इसलिए भ्रष्टाचार निरोधक विभाग को निर्देश दिए जाएं कि पिछले 5 सालों में जारी किए गए टेंडरों की जांच की जाए। 

सरकार की तरफ से पेश की गई ये दलीलें

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व पेशी पर न्यायालय ने भ्रष्टाचार को देखते हुए भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के महानिदेशक रवि प्रकाश मेहरडा को न्यायालय ने तलब किया था। राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि भ्रष्टाचार के मामले में सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है और याचिकाकर्ता के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति ने भ्रष्टाचार के मामले में शिकायत की है तो उस  पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी और उसकी रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की जाएगी। 

हाई कोर्ट ने कहा-भ्रष्टाचार नागरिकों के विश्वास को दीमक की तरह से चाट रहा

बहस के दौरान भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के महानिदेशक ने इस बात पर सहमति जताई कि पिछले 5 सालों में जो टेंडर जारी किए गए हैं उनकी पूरी तरह से जांच की जाएगी। न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हाई कोर्ट ने जैन हवाला केस में कहा था कि चाहे कोई कितना बड़ा व्यक्ति क्यों न हो वह कानून से ऊपर नहीं है। न्यायालय ने कहा कि भ्रष्टाचार कैंसर की तरह फैल रहा है और यह नागरिकों के विश्वास को दीमक की तरह से चाट रहा है। लोकतंत्र में आम नागरिक का विश्वास सबसे महत्वपूर्ण है और भ्रष्टाचार के कारण से विकास नहीं हो पाता है। इसलिए नागरिकों को और युवाओं को भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए आगे आना चाहिए। 

पिछले पांच साल में जारी किए गए सभी टेंडर की जांच होगी

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और राजस्थान सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता एवं महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने सहमति जताई कि पिछले 5 साल में जितने टेंडर जारी किए गए हैं उन सब की गहन जांच की जाएगी और जो भी अपराधी पाए जाएंगे उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और आगामी तारीख पर न्यायालय के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। हाई कोर्ट के न्यायाधीश श्री अशोक कुमार जैन आदेश दिया कि आगामी तारीख पेशी पर भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के महानिदेशक को न्यायालय में उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है लेकिन किसी जिम्मेदार अधिकारी को तथ्यात्मक रिपोर्ट सहित न्यायालय में 14 अक्टूबर 2024 को उपस्थित होने के निर्देश दिए।

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