जयपुर। राजस्थान सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए रैपिड टेस्टिंग किट के जरिए टेस्टिंग पर रोक लगा दी है। राज्य में रैपिड टेस्टिंग के लिए जिस किट का इस्तेमाल हो रहा है उसके लगभग 95 प्रतिशत रिजल्ट गलत आए हैं और इसी वजह से राज्य सरकार ने रैपिड टेस्टिंग पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि रैपिड टेस्टिंग को लेकर सरकार नई रणनीति बनाएगी, जिसके बाद ही रैपिड टेस्टिंग को लेकर अगला फैसला होगा। राजस्थान में रैपिड टेस्टिंग के लिए लगभग 10000 किट मंगाई गई है।
राजस्थान में रैपिड टेस्टिंग किट की जांच के लिए सवाई मानसिंह अस्पताल के 2 कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सैंपल लिए गए थे, लेकिन किट के रिजल्ट में दोनो मरीजों को संक्रमित नहीं बताया। अन्य जगहों पर भी रैपिड टेस्टिंग किट से टेस्ट लिए गए और यह निष्कर्ष निकला कि टेस्टिंग किट के 95 प्रतिशत रिजल्ट गलत पाए गए हैं।
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि रैपिड टेस्ट मेें सिर्फ 5 प्रतिशत रिजल्ट ही सही पाए गए हैं। यह रैपिड टेस्ट किट आईसीएमआर द्वारा उपलब्ध कराई गई थीं और आईसीएमआर को इसकी जानकारी दे दी गई है।
इस बीच राजस्थान में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। मंगलवार सुबह तक राजस्थान में 52 नए मरीज आए हैं जिसके बाद राज्य में कोरोना वायरस मरीजों का कुल आंकड़ा बढ़कर 1628 हो गया है। राजस्थान में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले जयपुर में हैं और मंगलवार सुबह आए 52 नए मामलों में भी 34 मामले अकेले जयपुर के ही हैं।