जयपुरः कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि अवैध बजरी खनन मामले में राज्य सरकार को कड़ा कदम उठाना चाहिए। प्रदेश के टोंक में संवाददाताओं से बातचीत में पायलट ने कहा, 'कहीं अगर कोई गैर कानूनी काम हो रहा है। सरकार और प्रशासन इसे अगर सख्ती से नहीं निपटेगी तो ऐसे लोगों का साहस बढेगा।' हाल ही में अवैध बजरी से भरी एक ट्रैक्टर ट्रॉली चालक द्वारा हेड कांस्टेबल को कुचले जाने की घटना की ओर इशारा करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं से लोगों का मनोबल टूटता है।
अवैध खनन को लेकर सरकार को घेरा
उल्लेखनीय है कि गत दो जुलाई को टोंक जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में अवैध बजरी से भरी ट्रैक्टर ट्राली के चालक ने हेड कांस्टेबल को टक्कर मार दी थी, जिनकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ दिन पहले एक दर्दनाक हादसे में हमारे नौजवान पुलिस कांस्टेबल की मौत हुई, इसकी पुलिस, प्रशासन और सरकार को एक गहन, निष्पक्ष और एक ऐसी जांच करानी चाहिए जिससे पूरा तथ्य सामने आये। हम चाहेंगे कि सरकार पूरे मापदंड के अनुसार परिवार को पूरी मदद, सहायता एवं सहयोग करे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक बजरी का मामला है इस पर मुझे लगता है कि सरकार को कड़ा कदम उठाना चाहिए। अगर कहीं कोई गैर कानूनी काम हो रहा है। उसको अगर सरकार या प्रशासन सख्ती से नहीं निपटेगी तो और लोग इस प्रकार के काम करेंगे।
कठुआ हमले को लेकर केंद्र पर बरसे पायलट
जम्मू कश्मीर के कठुआ में सेना पर आतंकी हमले के संबंध में पायलट ने कहा, ‘‘सरकार लोकसभा और राज्यसभा में दावा करती है कि मामला वहां बहुत बेहतर हो गया है। स्थिति नियंत्रण में है। वहां कोई अब आतंकी गतिविधियां नही है। लेकिन हमारे नौजवानों को सीमा पार से लोग मार रहे हैं और उन पर घात लगा कर हमला हो रहा है, जानें जा रही हैं। तो कहीं न कहीं सरकार को जवाब देना पड़ेगा। उन्होंने कहा यह बहुत गंभीर मुद्दा है और हम चाहेंगे कि सरकार इस पर अपना स्पष्टीकरण दे और इस पर सख्ती से कार्रवाई भी करे।
बजट को लेकर कही ये बात
कांग्रेस नेता ने राज्य विधानसभा में बुधवार को पेश होने वाले बजट पर कहा कि सरकार ने जो अंतरिम बजट पेश किया था बहुत सारी बातें तो उस बजट की पूरी नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा, 'सरकार में अब तक तय नहीं हो पा रहा है कि कौन क्या जिम्मेदारी संभालेगा। आपस में इतना खिंचाव है। सत्ता के इतने सारे केन्द्र बन चुके है मंत्री इस्तीफा दे रहे वो स्वीकारा नहीं जा रहा है। अस्वीकार किया जा रहा है। किसी को मालूम नहीं है तो असमंजस की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इस सरकार को अपनी कार्यशैली को सुधारना चाहिए। अभी सरकार को सिर्फ छह सात महीने हुए है लेकिन हर क्षेत्र में सारे विकास के काम ठप्प पडे है।
इनपुट-भाषा