टोंक जिले के नगरफोर्ट में महापंचायत ने निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा की रिहाई के लिए सरकार को 10 दिन का समय दिया है। कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल ने कहा है कि अगर 10 दिन के अंदर नरेश मीणा को रिहा नहीं किया जाता है तो जयपुर में ईंट से ईंट बजा देंगे। नरेश मीणा ने पिछले महीने उपचुनाव के एसडीए को थप्पड़ जड़ दिया था। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया और अब तक उन्हें रिहा नहीं किया गया है।
29 दिसंबर को नरेश मीना की रिहाई को लेकर सरपंच संघ अध्यक्ष मुकेश मीना और संघर्ष समिति की तरफ से महापंचायत का आयोजन किया गया था। उपखंड अधिकारी ने महापंचायत की सशर्त स्वीकृति भी दी थी। सुबह 11 बजे से शाम 4 बजेके बीच शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित महापंचायत में सभी समाज के लाखों लोग नगलफोर्ट में शामिल हुए। इसके बाद सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है।
कांग्रेस नेता ने की अगुआई
कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल ने लगातार गांव गांव में नुक्कड़ सभाएं कर आमजन को महापंचायत में शामिल होने की अपील की थी और अब उन्होंने नरेश मीणा की रिहाई न होने पर जयपुर में ईंट से ईंट बजाने की बात कही है। महापंचायत को लेकर टोंक पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने भी पूरी तैयारियां की थीं। टोंक सहित पड़ोसी जिलों से पुलिसकर्मी बुलाए गए थे। हालांकि, इसकी कोई जरूरत नहीं पड़ी।
उपचुनाव में क्या हुआ था?
देवली उनियारा विधानसभा उपचुनाव में 13 नवंबर को मतदान के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने एरिया मजिस्ट्रेट व मालपुरा उपखंड अधिकारी अमित चौधरी पर समरावता गांव में मतदान करवाने का आरोप लगाकर थप्पड़ जड़ दिया था। इसके बाद जब देर शाम मतदान समाप्त हुआ तो इसके बाद उपद्रवियों ने गांव में पथराव कर वाहनों में आगजनी कर दी थी। पुलिस जवानों और अधिकारियों पर भी पथराव कर दिया था। इस आगजनी और पथराव में कई दुपहिया और चौपहिया वाहन जलकर राख हो गए थे साथ ही कई पुलिसकर्मी और ग्रामीण घायल हो गए थे। इस कै बाद 14 नवंबर को नरेश मीना को समरावता गांव से भारी पुलिस जाप्ते के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद करीब 40 उपद्रवियों को भी गिरफ्तार किया गया था।