Wednesday, October 30, 2024
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राजस्थान: माथे में सिंदूर और रंग-बिरंगी चूड़ियां पहन स्कूल जा रहीं बालिका वधुएं, टीचर बोले- 'हम कुछ नहीं कर सकते'

राजस्थान के कई जिलों में लड़कियों की कम उम्र में ही शादी कर दी जाती हैं। शादी होने के बाद ये लड़कियां पढ़ाई के लिए स्कूल जा रही हैं। देश में बाल विवाह पूरी तरीके से प्रतिबंधित हैं। इसके बावजूद ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Updated on: July 29, 2024 22:59 IST
राजस्थान के स्कूलों में पढ़ रहीं बालिका वधुएं- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO-GETTY IMAGES राजस्थान के स्कूलों में पढ़ रहीं बालिका वधुएं

राजस्थान के बूंदी जिले में दो नाबालिग बहनें सिंदूर लगाकर और रंग-बिरंगी चूड़ियां पहनकर जब स्कूल पहुंची तो टीचरों को शक हुआ कि उनकी शादी कर दी गई है। इसके बावजूद उन्होंने इसे नजर अंदाज कर दिया। दोनों बहने 15 साल की रानी और 16 साल की पिंकी (बदले हुए नाम) हैं। दोनों की शादी 15 जुलाई को हनुमान जी का झोपड़ा गांव में पूरी धूमधाम से उनके घर पर हुई। अन्य पिछड़ी जाति (OBC) से ताल्लुक रखने वाली दोनों बहनें बूंदी जिले के हिंडोली क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल में 9वीं और 10वीं कक्षा में पढ़ती हैं।

बाइक से स्कूल छोड़ने आते हैं पति

बाल विवाह के खिलाफ कानून होने के बावजूद राजस्थान के इस क्षेत्र में यह प्रथा आज भी जारी है। यहां कभी-कभी पति या ससुराल का कोई सदस्य ‘बालिका वधू’ को मोटरसाइकिल से स्कूल छोड़ता हुआ दिख भी जाता है। बूंदी शहर में घरेलू सहायिका के तौर पर काम करने वाली रुकमणि बाई (बदला हुआ नाम) ने बताया कि लड़कियों की ताई होने के नाते, उन्होंने रानी का कन्यादान किया है। 

बाकी स्टूडेंट ऐसी शादी के बारे में करते हैं कानाफूसी 

अपनी दो भतीजियों की शादी में शामिल होने के लिए उन्होंने काम से चार दिन की छुट्टी ली थी और उनके लिए लगभग 10,000 रुपये के उपहार खरीदे थे। नाम न छापने की शर्त पर एक सरकारी स्कूल के टीचर ने बताया कि उन्होंने एक दिन अचानक एक लड़की को सिंदूर और रंग-बिरंगी चूड़ियां पहने आते देखा, लेकिन वे इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सके। उन्होंने कहा, 'कभी-कभी कक्षा में लड़कियां अपने सहेली की शादी के बारे में कानाफूसी करती हैं। दुल्हन आमतौर पर या तो शरमा जाती है या अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमाकर सवाल को टाल देती है।'

अधिकारियों से शिकायत करने से कोई फायदा नहीं- टीचर

स्कूल के टीचर ने कहा कि एक बार कम उम्र में लड़कियों का विवाह हो जाने के बाद अधिकारियों से शिकायत करने से कोई फायदा नहीं होता है। इससे स्थानीय लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ता है। साथ ही वह लड़की को स्कूल से निकाल सकते हैं। जब टीचर से हाल में हुई दो बहनों की शादी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की, लेकिन इस बात की पुष्टि की कि दोनों बहनें काफी दिनों से स्कूल नहीं आ रही थीं। 

इसलिए कर देते हैं कम उम्र में बेटियों की शादी

इलाके के लोगों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में माता-पिता अक्सर शादी पर आने वाले खर्च को बचाने के लिए अपनी छोटी बेटी का विवाह भी बड़ी बेटी के साथ ही कर देते हैं। हालांकि, छोटी बेटी को वयस्क होने तक ससुराल नहीं भेजा जाता है। अधिकारी ऐसे विवाहों पर नजर रखते हैं, लेकिन यह तंत्र इस पर पूरी तरह रोक नहीं लगा पा रहा है, खासकर तब, जब मुख्यधारा के राजनीतिक नेताओं को इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता है। 

भाषा के इनपुट के साथ

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