उदयपुर-अहमदाबाद रेल लाइन पर पुल पर रात में ब्लास्ट के बाद पुलिस और कई जांच एजेंसियां मामले की छानबीन में जुट गई थीं। इसी बीच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), जो उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन विस्फोट मामले की जांच कर रही है, उसने पाया है कि विस्फोट को अंजाम देने के लिए सुपरपावर 90 नामक इमल्शन का इस्तेमाल किया गया था। एनआईए के सूत्रों ने बताया कि विस्फोट में जिलेटिन पाउडर का उपयोग किया गया था।
सूत्र ने कहा कि विस्फोटक पदार्थों का इस्तेमाल कर इमल्शन बनाया गया, इसे सुपरपावर 90 विस्फोटक कहा जाता है। सूत्र ने कहा, यह एक व्यावसायिक विस्फोटक है जिसका इस्तेमाल खनन में किया जाता है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों से अनुमति लेनी होती है।
कई एंगल से जांच में जुटी है एजेंसियां
आतंकी लिंक के अलावा, एजेंसियां स्थानीय मुद्दों जैसे अन्य कोणों से भी मामले की जांच कर रही हैं। सूत्र ने बताया- धमाके में फ्यूज तार का भी इस्तेमाल किया गया था। हमने विस्फोट में इस्तेमाल होने वाली कई चीजों को एकत्र किया है। हमें पता चला है कि ये कुछ सोलर इंडस्ट्रीज फर्म द्वारा बनाए गए थे। आरोपियों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।
आईएसआई की हो सकती है भूमिका, एजेंसियां जता रहीं शक
एजेंसी इस घटना के पीछे आईएसआई की भूमिका की भी जांच कर रही है। जांच एजेंसी को शक है कि आईएसआई ने विस्फोट को अंजाम देने के लिए स्थानीय नेटवर्क का इस्तेमाल किया होगा। इससे पहले रेलवे लाइन पर हुए विस्फोटों के कई मामलों में आईएसआई की भूमिका सामने आई थी। सूत्र ने कहा, 2014 में एक मालगाड़ी में विस्फोट हुआ था। दरभंगा में ट्रेन में आग लगा दी गई थी। गुजरात में भी एक ट्रेन में विस्फोट हुआ था। इन सभी में यह पाया गया कि आईएसआई ने उनके स्थानीय नेटवर्क का इस्तेमाल किया।
क्या है मामला
उदयपुर-अहमदाबाद रेल लाइन पर 13 दिन पहले बने पुल पर शनिवार रात में विस्फोट की आवाज से हड़कंप मच गया था। सबसे पहले स्थानीय लोगों ने यहां तेज धमाके की आवाज सुनी। मौके पर बारूद भी मिला। ब्लास्ट से पटरियों पर क्रैक आ गया। इस घटना बाद उदयपुर पुलिस ने भी कहा था कि यह आतंकी साजिश हो सकती है। ब्लास्ट की घटना के करीब 4 घंटे पहले ही इस ट्रैक पर से ट्रेन गुजरी थी।