राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की चर्चा पूरे देश के राजनीतिक जगत में है। इस यात्रा को लेकर विपक्षी नेता लगातार हमला बोल रहे हैं। कभी ये पाकिस्तान जिंदाबाद के नारों को लेकर तो कभी मेघा पाटकर जैसी शख्सियतों के इस यात्रा में हिस्सा लेने के कारण चर्चा में रहती है। इसी बीच यह यात्रा जल्द ही राजस्थान में प्रवेश करने वाली है। इस अगले पड़ाव को लेकर राजस्थाना में जोर शोर से तैयारियां की जा रही हैं। लेकिन राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच जुबानी जंग को लेकर कांग्रेस आलाकमान चिंतित है। जानिए पूरा मामला।
हाल ही में हुई बैठक में गहलोत और पायलट में नहीं हुई कोई बातचीत
राजस्थान में प्रवेश करने वाली भारत जोड़ो यात्रा के बीच पिछले कुछ दिनों में पार्टी के अंदर ही राजस्थान में बन रहे सियासी माहौल ने आलाकमान को टेंशन में डाल दिया है। हाल ही में राज्य के सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ही एक मीटिंग में शामिल हुए थे। इस बैठक से दौरान दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई थी। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि गहलोत और पायलट के बीच रिश्तों में खटपट जारी है।
भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में एंट्री करने से पहले आलाकमान राजस्थान की अंदरूनी कलह खत्म करना चाहता है। भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान पहुंचने से पहले संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल यात्रा की तैयारी का जायजा लेने के लिए जयपुर जा रहे हैं।
29 नवंबर को होगी कांग्रेस की मीटिंग, फिर साथ बैठेंगे गहलोत और पायलट
29 नवंबर को यात्रा से जुड़ी कमेटी की बैठक है। बैठक में सीएम गहलोत और सचिन पायलट भी मौजूद रहेंगे। भारत जोड़ो यात्रा 5 दिसंबर को राजस्थान पहुंच रही है। ऐसे में पार्टी की यह कोशिश है कि राजस्थान का कुनबा एकजुट दिखे। आलाकमान इस बात को लेकर भी चिंतित है कि कहीं भारत जोड़ो यात्रा पर राजस्थान की अंदरूनी तनातनी का ब्रेक ना लग जाए।
गहलोत ने इशारे में पायलट को कहा था गद्दार!
हाल ही में सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को गद्दार कहा था। साथ ही बोले थे कि वे (पायलट) कभी राज्य के सीएम नहीं बन सकते। गहलोत ने कहा था कि विधायक किसी ऐसे को कैसे स्वीकार कर सकते हैं, जिसने विद्रोह किया हो, जिसे गद्दार करार दिया गया हो। वह सीएम कैसे बन सकता है? गहलोत ने कहा था कि 'मेरे पास सबूत हैं कि विधायकों को 10-10 करोड़ रुपये बांटे गए थे, ताकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को गिराया जा सके।'
सचिन पायलट ने किया था पलटवार
अशोक गहलोत के बयान पर सचिन पायलट की ही प्रतिक्रिया आई थी। उन्होंने कहा था, 'मैंने अशोक गहलोत की बात सुनी। पहले भी उन्होंने बहुत बातें मेरे बारे में बोली हैं। इस प्रकार के झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाने की आज जरूरत नहीं है। आज जरूरत इस बात की है कि हम कैसे पार्टी को मजबूत करें।'
ऐसे शुरू हुई गहलोत और पायलट में तनातनी
सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच अनबन की जड़ में महत्वाकांक्षा छिपी हुई है। 2018 से ही सचिन सीएम पद के दावेदार हैं, उनके नेतृत्व में पार्टी ने राजस्थान में जीत भी हासिल की लेकिन कुर्सी मिली गहलोत को। उसके बाद ही दोनों के बीच तनातनी शुरू हो गई।
2020 में पहली बार हुई थी दोनों नेताओं में अनबन, हुई थी बगावत
पहली अनबन जुलाई 2020 में तब सामने आई जब पायलट खेमे के 18 विधायकों ने बगावत कर दी। जवाबी कार्रवाई में सचिन पायलट को डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया। 18 दिन सचिन पायलट खेमे के विधायक मानेसर में रहे। 10 अगस्त को सुलह हुई और 14 अगस्त 2020 को गहलोत ने विधानसभा में समर्थन हासिल कर लिया।