राजस्थान में चुनाव परिणाम के बाद भाजपा नेता भजन लाला शर्मा ने नए मुख्यमंत्री के रूप में पद संभाल लिया है। इसके बाद नई सरकार ने विधानसभा का सत्र बुलाया है जहां नए विधायकों ने शपथ ली है। हालांकि, नई सरकार के पहले विधानसभा सत्र की शुरुआत विवादों के साथ हुई है। अचानक सत्र बुलाए जाने से नाराज कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने कहा है कि ये कोई भजन मंडली नहीं है। अब धारीवाल के इस बयान पर भाजपा के चर्चित विधायक बाल मुकुंद आचार्य ने तीखा हमला बोला है।
धारीवाल की मति भ्रष्ट हो गई है- बाल मुकुंद आचार्य
धारीवाल के विवादित बयान पर पलटवार करते हुए हवामहल सीट से भाजपा विधायक बाल मुकुंद आचार्य ने कहा कि धारीवाल की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है, बुढ़ापे में उनकी मति भ्रष्ट हो गई है। कभी वह बोलते हैं कि राजस्थान मर्दों का प्रदेश है। उन्होंने धारीवाल से कहा कि बूढ़े आदमी-बुजुर्ग आदमी इस समय ओमकार नाम का जप करे, राम नाम का जप करे, भगवान का जप करे, इस तरह के गंदे बोल ना बोले। उन्होंने कहा कि भजन से आपको क्या आपत्ति है।
काली पट्टी पर भी भड़के
राजस्थान में विधानसभा सत्र के पहले दिन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट समेत लगभग सभी कांग्रेसी विधायक काली पट्टी बांधकर सदन पहुंचे थे। उन्होंने ये कदम संसद से विपक्षी सांसदों को निलंबित करने के खिलाफ उठाया था। इस मुद्दे पर बाल मुकुंद आचार्य ने कहा कि काली पट्टी बांधकर वे क्या संदेश देना चाह रहे हैं। खुशी और प्रसन्नता का माहौल है कि राज्य से कुशासन चला गया और जनता ने उन्हें डिलीट कर दिया है। अब तो वे समझ जाएं।
क्यों भड़के थे धारीवाल?
कांग्रेस विधायक शांती धारीवाल ने अचानक से विधानसभा सत्र बुलाने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने ये भी कहा था कि संविधान के मुताबिक, राज्यपाल के अभिभाषण के साथ सत्र की शुरुआत की जाती है। इसके जवाब में प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने कहा था कि पहले विधायकों का शपथ ग्रहण होगा इसके बाद राज्यपाल का अभिभाषण होगा।
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