जयपुरः राजस्थान में आज भजन लाल शर्मा सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार हुआ है। आज सुबह ही उन विधायकों के नाम सामने आ गए थे जिन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। जिन विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है उनमें किरोड़ी लाल मीणा, गजेंद्र सिंह खिमसर, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बाबूलाल खराड़ी, मदन दिलावर, जोगाराम पटेल, सुरेश सिंह रावत, अविनाश गहलोत, जोराराम कुमावत, हेमंत मीणा, कन्हैयालाल चौधरी, सुमित गोदारा जाट, संजय शर्मा, गौतम कुमार, झावर सिंह खर्रा, सुरेंद्र पाल सिंह, हीरा लाल नगर, ओटा राम देवासी, डॉक्टर मंजु बागमार, विजय सिंह चौधरी जाट, केके विश्नोई और जवाहर सिंह बैडम शामिल हैं। मंत्रिमंडल विस्तार के तहत कुल 22 मंत्रियों ने शपथ ली है। दोपहर सवा तीन बजे से शुरू हुए समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई।
मंत्रिमंडल विस्तार में रखा गया समीकरणों का ध्यान
मंत्रिमंडल विस्तार में जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों का विशेष ध्यान रखा गया है। मंत्रिमंडल विस्तार में इस बात का ख्याल रखा गया कि सभी क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व मिले और साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए सोशल इंजीनियरिंग की गई है कि सभी प्रमुख जातियों को भी मंत्रिमंडल में पूरा प्रतिनिधित्व मिले। वर्तमान में, राजस्थान में भजन लाल शर्मा के रूप में एक ब्राह्मण मुख्यमंत्री है, जबकि उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा क्रमशः राजपूत और अनुसूचित जाति से हैं। राजस्थान में प्रभाव रखने वाली प्रमुख जातियों में जाट समुदाय भी शामिल है। बता दें कि शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी की कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया नहीं पहुंची थीं।
विपक्ष लगातार बीजेपी पर उठा रहा था सवाल
राजस्थान में विपक्षी दल मंत्रिमंडल गठन में देरी को लेकर भाजपा नीत सरकार पर निशाना साध रहे थे। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि मंत्रिमंडल गठन में देरी के कारण शासन व्यवस्था ठप हो गई है। अब जनता में निराशा फैलने लगी है क्योंकि राजस्थान की जनता ने 3 दिसंबर को बीजेपी को स्पष्ट जनादेश दिया था लेकिन 22 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो सका है। हर विभाग भी असमंजस की स्थिति में है। जनता देख रही है कि उन्हें अपनी समस्याओं के समाधान के लिए किस मंत्री के पास जाना चाहिए।
बीजेपी को मिला था बहुमत
राज्य में विधानसभा की 200 में से 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ। इसका परिणाम तीन दिसंबर को आया जिसमें भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला। भाजपा के भजनलाल शर्मा ने 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ दीया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था।