उदयपुर: राजस्थान सरकार ने आदेश जारी किया है कि उदयपुर में अगले दो महीने तक किसी भी सार्वजनिक स्थान या स्कूल में धार्मिक पहचान वाले झंडे फहराने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने अपने आदेश में कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों की मानें तो ये आदेश हाल ही में उदयपुर में धीरेंद्र शास्त्री की एक विशाल सभा होने और पांच युवकों को कुंभलगढ़ किले पर भगवा ध्वज फहराते हुए गिरफ्तार किए जाने के मद्देनजर जारी किए गए हैं।
धार्मिक जुलूसों के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक संकेतों वाले झंडों की अनुमति नहीं
हालांकि इन युवकों को रिहा कर दिया गया है, लेकिन प्रशासन ने यह कहते हुए आदेश जारी किया है कि धार्मिक जुलूसों के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक संकेतों वाले झंडों के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जाएगी और इन आदेशों की अवहेलना करने वालों से कानूनी प्रावधानों के तहत सख्ती से निपटा जाएगा। आदेश में कहा गया है कि इस बात की संभावना है कि अगर सार्वजनिक स्थानों पर इन झंडों को फहराया जाता है, तो कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। हालांकि, जिला कलेक्टर मीणा ने कहा कि आदेश का धीरेंद्र शास्त्री की सभा से कोई संबंध नहीं है और उन्होंने शास्त्री के उदयपुर आने से पहले इसे जारी करने की योजना बनाई थी।
कानून व्यवस्था के नाम पर आम लोगों के धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का हनन - बीजेपी
इस बीच, उदयपुर से बीजेपी की सांसद दीया कुमारी ने इस आदेश को कानून व्यवस्था के नाम पर आम लोगों के धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का हनन करने का प्रयास करार दिया है। उन्होंने कहा, "धार्मिक ध्वज के खिलाफ उदयपुर प्रशासन का यह आदेश राजस्थान में कांग्रेस सरकार की तुष्टीकरण की नीति का ताजा उदाहरण है। यह कानून व्यवस्था के नाम पर आम लोगों के धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का हनन करने का प्रयास है।"
(Input - IANS)
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