बांग्लादेश में शेख हसीना के सरकार के बर्खास्त होने के बाद वहां हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का दौर जारी है। इसे लेकर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान सामने आया है। उन्होंने इसे लेकर केंद्री सरकार और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से से मांग की है कि बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा की जाए। अशोक गहलोत ने इसे लेकर सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, ''बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से धार्मिक अल्पसंख्यक हिन्दुओं के खिलाफ हो रही लक्षित हिंसा बेहद निंदनीय है। वहां की सेना और नई कार्यकारी सरकार को अविलंब इस हिंसा को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए साथ ही भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को भी वहां हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास करने चाहिए।''
अशोक गहलोत की मांग
उन्होंने आगे लिखा, ''यह मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर बेहद दुखदायी है क्योंकि जब 1971 में हमारी महान नेता इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर बांग्लादेश को आजादी दिलवाई तब तरुण शांति सेना के माध्यम से मुझे भी भारत-बांग्लादेश के सीमावर्ती क्षेत्र में आए शरणार्थियों के शिविरों में सेवा करने का अवसर मिला था। उस देश में सत्ता परिवर्तन के नाम पर शुरू हुए राजनीतिक बदलाव को धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में बदलना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है।'' बता दें कि बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के जाने के बाद से ही हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार और हिंसा किया जा रहा है।
कर्नाटक विधायक ने पीएम मोदी से की मांग
इससे पहले कर्नाटक में कांग्रेस के एक विधायक ने पीएम मोदी से बड़ी मांग की है। कांग्रेस विधायक रिजवान अरशद ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखकर मांग की है कि 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तरह ही बांग्लादेश में सैन्य कार्रवाई जैसा कदम उठाने में संकोच नहीं करना चाहिए। बेंगलुरु के शिवाजीनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रिजवान अरशद ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखकर कहा कि मैं आज आपको भारत के एक चिंतित नागरिक के रूप में यह पत्र लिख रहा हूं। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की खबरों से उनका मन व्यथित है। रिजवान अरशद ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण सर्वोच्च चिंता का विषय होना चाहिए।