जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समाधान दो मिनट में निकल सकता है, लेकिन केंद्र सरकार जिद पर अड़ी है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जिद अच्छी नहीं होती। गहलोत शनिवार को डूंगरगढ़ में पिलानियों की ढाणी धनेरू में किसान पंचायत को संबोधित कर रहे थे। किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा, ‘'सरकारों को मतदाताओं, चाहे वे किसान हों या मजदूर सम्मान के साथ उनकी मांगों को पूरा करने का प्रयास करना चहिए। सौ दिन होने को आए हैं, 200 लोग मारे गए, पता नहीं कब तक यह आंदोलन चलेगा।''
उन्होंने कहा, ‘‘क्या यह तरीका अच्छा है लोकतंत्र में? क्या कोई रास्ता नहीं निकल सकता? आप इन काले कानूनों को खत्म कर दीजिए। किसानों को बुलाकर बात कीजिए। विपक्ष को पूछकर नये कानून पारित कीजिए। दो मिनट में हल निकल सकता है। लेकिन सरकार जिद पर अड़ी हुई है। लोकतंत्र में सरकार को जिद पर नहीं अड़ना चाहिए। सरकार को उदारता दिखानी चाहिए और संवेदनशील होना चाहिए, उनकी तकलीफ को समझना चाहिए कि ठंड में क्या बीत रही है उन लोगों पर। मोदी और अमित शाह को रात को नींद कैसी आती होगी, यह समझ के परे है।’’
सीएम गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में सरकारें बदलती रहती हैं लेकिन देश में ऐसा माहौल कभी नहीं देखा गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आंदोलन को लेकर सरकार के रवैये से दुनिया भर में भारत की छवि प्रभावित हो रही है। कहा जा रहा है कि लोकतंत्र की धज्जिया उड़ रही हैं, लोकतंत्र कमजोर हो रहा है। पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को जेल में डाला जा रहा है। गहलोत ने अपने हालिया बजट का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने इतना शानदार बजट पेश किया है कि विपक्षी दलों के पास कहने को कुछ बचा नहीं है।
सभा में उमड़ी भारी भीड़ से उत्साहित दिख रहे कांग्रेस नेता ने लोगों से आगामी उपचुनाव में भी पार्टी को भारी बहुमत से जिताने की अपील की। किसान पंचायत को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी संबोधित किया। उन्होंने भी केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि केंद्र सरकार ने ये तीनों कानून चंद लोगों की जेब भरने के लिए बनाए गए हैं। सभा में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन व प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी मौजूद थे।